891 जिन्हें बचाएगा परमेश्वर उनकी वो सबसे अधिक परवाह करता है
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आज के युग में, जल्द से जल्द,
परमेश्वर अपने चुने हुओं को बचाना चाहता है,
अपनी योजना पूरी करना चाहता है।
अपने पीछे न चलने वालों के विरोध की
इंसानों द्वारा कलंक लगाये जाने की
परमेश्वर परवाह करता नहीं।
जिन्हें उसका उद्धार पाना है, उसके अनुयायी,
पूरे किए गये हैं या नहीं,
उन्होंने उसकी संतुष्टि पायी है या नहीं,
परमेश्वर को है परवाह बस इसी की।
2
और जो उसके पीछे नहीं चलते, उन पर
वह अपना क्रोध व्यक्त करेगा, उन्हें दण्ड देगा,
साथ ही इसी समय
अपने अनुयायियों की, जिन्हें वो बचाने वाला है उनकी,
रक्षा कर रहा है परमेश्वर।
जिन्हें उसका उद्धार पाना है, उसके अनुयायी,
पूरे किए गये हैं या नहीं,
उन्होंने उसकी संतुष्टि पायी है या नहीं,
परमेश्वर को है परवाह बस इसी की।
3
परमेश्वर का स्वभाव एक ओर तो,
अति सहनशील है उनके लिए
जिन्हें पूरा करेगा वो, जब तक हो सके,
तब तक उनका इंतजार करता है वो।
जबकि दूसरी ओर,
शैतान जैसे लोगों से,
अपना अनुसरण न करने वालों,
अपना विरोध करने वालों से,
बहुत ही ज़्यादा नफ़रत करता है वो।
जिन्हें उसका उद्धार पाना है, उसके अनुयायी,
पूरे किए गये हैं या नहीं,
उन्होंने उसकी संतुष्टि पायी है या नहीं,
परमेश्वर को है परवाह बस इसी की।
भले परमेश्वर को परवाह नहीं इसकी
कि शैतान जैसे लोग उसकी आराधना करते हैं या नहीं,
वो धीरज धरता है उनके प्रति,
लेकिन उनसे घृणा करता है फिर भी।
इन जैसों के अंत का निर्धारण करते हुए,
इंतज़ार करता है अपने योजना के चरणों के आगमन की।
—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I से रूपांतरित