693 परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है
1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक भ्रष्ट किए गए थे कि वे कहीं से भी मानव के समान नहीं लगते थे। परमेश्वर के न्याय, ताड़ना और उनके वचन के प्रकटीकरण को देखने के बाद, परमेश्वर द्वारा उनको जीत लिये जाने के बाद, उन्होंने परमेश्वर के वचनों में से सत्य को प्राप्त कर लिया है; ये वो लोग हैं जो परमेश्वर द्वारा ईमानदारी से भरोसा दिलाए गए हैं, जिन्हें परमेश्वर की समझ आ गई है, जो परमेश्वर की आज्ञा का पालन पूरी तरह से कर सकते हैं और उनकी इच्छा को संतुष्ट कर सकते हैं। अंत में, परमेश्वर की प्रबंधन योजना के माध्यम से प्राप्त किये गए लोगों के समूह में इसी तरह के लोग होंगे। क्या तुम कहोगे कि जो लोग परमेश्वर को संतुष्ट कर सकते हैं, वे वो लोग हैं जिन्हें कभी शैतान ने भ्रष्ट नहीं किया या जिन्हें अंतत: बचा लिया गया है? वे लोग जो संपूर्ण प्रबंधन योजना के द्वारा प्राप्त किए जाएँगे, वे ऐसा समूह हैं जो परमेश्वर की इच्छा को समझ सकते हैं, जो परमेश्वर से सत्य प्राप्त करते हैं, जिनके पास उस तरह का जीवन और मनुष्य के समान गुण होता है जिसकी परमेश्वर अपेक्षा करते हैं।
2 सबसे पहले जब मनुष्य की रचना हुई, तो वे सिर्फ इंसान दिखते थे और उनमें जीवन था। परंतु उनके भीतर मानवीय अनुरूपता नहीं थी जिसकी परमेश्वर को अपेक्षा थी या आशा थी कि वे लोग प्राप्त कर पाएँगे। लोगों का समूह जिन्हें अंततः प्राप्त किया जाएगा, वे लोग होंगे जो अंत में बचे रहेंगे, और यही वे लोग भी होंगे जिसकी परमेश्वर को आवश्यकता है, जिससे परमेश्वर प्रसन्न रहते हैं और जो उन्हें संतुष्ट करते हैं। कई हजार वर्षों की प्रबंधन योजना के अंतर्गत, इन लोगों ने अधिकतम प्राप्त किया है, जो परमेश्वर द्वारा सींचे जाने से आया है और परमेश्वर के शैतान के साथ युद्ध के माध्यम से मनुष्य के लिए उपलब्ध कराया गया है। इस समूह के लोग उनके मुकाबले बेहतर हैं जिन्हें परमेश्वर ने आरंभ में बनाया था; भले ही वे भ्रष्टाचार से गुजरे हों, यह तो अपरिहार्य है, और यह ऐसा मामला है जो परमेश्वर की प्रबंधन योजना के अंतर्गत आता है। यह पर्याप्त रूप से उनकी सर्वशक्तिमत्ता और ज्ञान को विपुलता से प्रकट करता है, यह भी प्रकट करता है कि परमेश्वर ने जो भी व्यवस्थित, नियोजित और उपलब्ध किया है, वह महानतम है।
—वचन, खंड 3, अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन, भाग तीन से रूपांतरित