904 परमेश्वर का अधिकार प्रतीक है उसकी पहचान का
1
ईश्वर जीवन है, सभी जीवों का स्रोत है।
ईश्वर का अधिकार सभी से उसके वचनों का पालन करवाता है,
उसके वचनों के अनुसार उन्हें अस्तित्व में लाता है,
उसकी आज्ञानुसार उन्हें जिलाता और सन्तान उत्पन्न करवाता है।
ईश्वर सब जीवों पे राज करता है,
और इसमें कोई भूल नहीं होगी, हमेशा और सदा के लिए।
ईश्वर का सामर्थ्य सृष्टि कर सकता है किसी भी चीज़ की
जिसमें जीवन और चेतना हो।
और यह निर्धारित होता है ईश्वर के जीवन द्वारा।
2
यह सामर्थ्य, न व्यक्ति न वस्तु रखता है।
सृष्टिकर्ता ही केवल है जिसके पास है यह।
यह चिन्ह है उसकी अद्वितीय पहचान, सार, हैसियत का,
और यह कहलाता है अधिकार।
ईश्वर सब जीवों पे राज करता है,
और इसमें कोई भूल नहीं होगी, हमेशा और सदा के लिए।
ईश्वर का सामर्थ्य सृष्टि कर सकता है किसी भी चीज़ की
जिसमें जीवन और चेतना हो।
और यह निर्धारित होता है ईश्वर के जीवन द्वारा।
3
याद रखो, अलावा उसके, मानव या चीज़
का "अधिकार" शब्द से, या उसके सार से कोई लेना-देना नहीं है।
ईश्वर सब जीवों पे राज करता है,
और इसमें कोई भूल नहीं होगी, हमेशा और सदा के लिए।
ईश्वर का सामर्थ्य सृष्टि कर सकता है किसी भी चीज़ की
जिसमें जीवन और चेतना हो।
और यह निर्धारित होता है ईश्वर के जीवन द्वारा।
—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I से रूपांतरित