725 पूर्ण बनाए जाने के लिए परमेश्वर के मौजूदा वचनों के प्रति समर्पित हो जाओ
पवित्रात्मा का मौजूदा रास्ता है
वे वचन जो ईश्वर अब बोले।
1
जो भी उस रास्ते पर चलना चाहे
उसे देहधारी ईश्वर के मौजूदा वचनों को
खाना-पीना, उनका पालन करना चाहिए।
ईश्वर का काम वचनों का काम है।
सब चीज़ें उसके वचनों से शुरू होती हैं,
वे ही तो उनकी नींव हैं।
जब इंसान ईश्वर के मौजूदा वचनों के सार को
समझ सके, उसका पालन कर सके,
तो वो सच में होगा उस रास्ते पे,
जहाँ पवित्रात्मा उसका मार्गदर्शन करे।
वो चल पड़ा होगा सही रास्ते पे
जिससे ईश्वर इंसान को पूर्ण करे।
2
चाहे निश्चित होना हो देहधारी ईश्वर के बारे में
या हो उसे जानना,
इंसान को उसके वचनों पर
अधिक प्रयास करना चाहिए।
नहीं तो वो कुछ न पाएगा,
न होगा कुछ उसके पास।
ईश-वचनों को पढ़ने के आधार पर
इंसान को ईश्वर को जानना,
उसे संतुष्ट करना चाहिए।
केवल इसी तरह धीरे-धीरे
ईश्वर संग उसका रिश्ता सामान्य होगा।
जब इंसान ईश्वर के मौजूदा वचनों के सार को
समझ सके, उसका पालन कर सके,
तो वो सच में होगा उस रास्ते पे,
जहाँ पवित्रात्मा उसका मार्गदर्शन करे।
वो चल पड़ा होगा सही रास्ते पे
जिससे ईश्वर इंसान को पूर्ण करे।
ईश-वचनों को खाना-पीना, उनका अभ्यास करना,
ईश्वर से सहयोग करने का सबसे अच्छा तरीका है।
इसी तरीके से इंसान ईश्वर के लोगों के तौर पर
अपनी गवाही मजबूती से दे सकें।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जिनके स्वभाव परिवर्तित हो चुके हैं, वे वही लोग हैं जो परमेश्वर के वचनों की वास्तविकता में प्रवेश कर चुके हैं से रूपांतरित