13 परमेश्वर की महिमा पूर्व से चमकती है
1
केवल जब ईश्वर ने नये स्वर्ग और धरा में प्रवेश किया,
तब जाकर उसने महिमा के दूजे हिस्से को प्रकट किया।
उसने पहले ये प्रकट किया कनान की ज़मीं पर,
जिसने अंधेरी धरा पर रोशनी की झलक दिखाई।
सब को आने दो रोशनी में, इसकी ऊर्जा से शक्ति लेने दो,
ताकि बढ़े ईश्वर की महिमा और दिखे हर राष्ट्र को फिर से।
लोगों को जानने दो कि ईश्वर आया बहुत पहले धरती पर,
इज़राइल से पूरब के राष्ट्र में लाया महिमा।
चूंकि उसकी महिमा पूरब में चमकती है,
इसे लाया गया आज तक अनुग्रह के युग से।
पर इज़राइल को वो छोड़कर आया और वहाँ से आ पहुँचा वो पूरब में।
पूरब से पश्चिम तक बिजली चमके, ईश्वर आया पूरब में, पश्चिम में नहीं।
और वो लाया ज़मीं, कनान की ज़मीं पूरब के राष्ट्र के लोगों के लिए।
पूरब से पश्चिम तक बिजली चमके।
2
जब पूरब की रोशनी धीरे-धीरे होती है श्वेत,
तब धरा का अंधकार बन जाएगा प्रकाश।
मानव जानेगा ईश्वर बहुत पहले इज़राइल छोड़ चुका,
और वो पूरब में इस बार नए रूप में उभर रहा है।
ईश्वर इक बार इज़राइल में अवतरित हो चुका है,
और फिर छोड़ कर गया वो उस ज़मीं को।
पर क्योंकि उसका कार्य विश्व की अगुवाई करता है,
इज़राइल में वो फिर से नहीं जन्म ले सकता है।
पूरब से पश्चिम तक बिजली चमके, ईश्वर आया पूरब में, पश्चिम में नहीं।
और वो लाया ज़मीं, कनान की ज़मीं पूरब के राष्ट्र के लोगों के लिए।
पूरब से पश्चिम तक बिजली चमके।
3
वो चाहता है ले जाना सब लोगों को कनान में,
इसलिए विश्व का नियन्त्रण करने को कनान से बोलता है वो।
कनान के अलावा धरती पर कोई रोशनी नहीं है।
जब तक वे वहाँ न पहुँचें लोग ठंड और भूख का सामना करते हैं।
पूरब से पश्चिम तक बिजली चमके, ईश्वर आया पूरब में, पश्चिम में नहीं।
और वो लाया ज़मीं, कनान की ज़मीं पूरब के राष्ट्र के लोगों के लिए।
पूरब से पश्चिम तक बिजली चमके।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, सात गर्जनाएँ होती हैं—भविष्यवाणी करती हैं कि राज्य का सुसमाचार पूरे ब्रह्मांड में फैल जाएगा से रूपांतरित