120 परमेश्वर का प्रेम सदा हमारे साथ है

1

हमें सभी दिशाओं से परमेश्वर के सिंहासन के सामने लाया गया है,

मेमने की शादी की दावत में शामिल होने हेतु उसके सामने इकट्ठा होने के लिए।

युगों-युगों से परमेश्वर ने हमें आगे बढ़ाया है

और घोर कठिनाइयों से गुजरते हुए हमें वर्तमान में लाया है।

अंत के दिनों का न्याय परमेश्वर के घर से शुरू हो गया है।

एक सच्चा परमेश्वर प्रकट हुआ है, जो अपने सिंहासन से बोल रहा है,

और स्वर्ग में और पृथ्वी पर सभी उसके आगमन का स्वागत कर रहे हैं।

सारे लोग खुश हैं और परमेश्वर की वापसी की प्रशंसा कर रहे हैं।


2

सर्वशक्तिमान परमेश्वर हमें राज्य के युग में ले आया है,

हमें चरवाही और सिंचन प्रदान करने के लिए वह रोज कलीसियाओं में घूमता है।

हमारा न्याय करने, हमें ताड़ना देने, हमारा परीक्षण और शोधन करने के लिए वह वचनों का उपयोग करता है।

हम अपनी धोखाधड़ी और छद्मवेश त्याग देते हैं और ईमानदार व्यक्तियों में बदल जाते हैं।

यह परमेश्वर का प्रेम है, जो हमारे दिलों को आपस में जोड़ता है।

उसके वचनों के भीतर जीते हुए हमारे दिल और हमारी आत्माएँ एकजुट हैं, और हम एक-दूसरे से प्रेम करते हैं।

निष्कपटता से और खुलकर सत्य की तलाश करते हुए हम परमेश्वर के आशीष पाते हैं।

हम सत्य का अभ्यास करते हैं, ताकि उसका प्रेम सदा हमारे साथ बना रहे।


3

ये परमेश्वर का न्याय और उसकी ताड़ना ही हैं, जिन्होंने हमें शुद्ध किया है,

और हमें उसका भय मानने और बुराई त्यागने, और सच्चा पश्चात्ताप करने में सक्षम बनाया है।

बहुत पहले ही हमने अपनी धारणाओं, कल्पनाओं और धार्मिक अनुष्ठानों को त्याग दिया है।

हम अब सांसारिक उलझनों और सामाजिक दर्शनों में और नहीं फँसेंगे।

हर काम परमेश्वर के वचनों के आधार पर करना हमारी आत्माओं को मुक्त करता है और हमारे लिए बहुत आनंद लाता है।

सत्य की समझ ने हमें वास्तविक मानवीय जीवन दिया है।

हम परमेश्वर के प्रेम का ऋण चुकाने के लिए खुद को खपाते हुए पूरे दिल से अपने आप को समर्पित करते हैं।

हम सत्य की तलाश करते हैं और परमेश्वर के प्रेम की गवाही देने के लिए वास्तविकता को जीते हैं।


4

भाइयो और बहनो, इन दिनों इकठ्ठा होने की संभावनाएँ मुश्किल से प्राप्त होती हैं।

परमेश्वर आज्ञाएँ पूरी करने के लिए हमें फिर से इधर-उधर भाग-दौड़ करनी होगी।

राज्य की राह ऊबड़-खाबड़ है, और हमें दिलोदिमाग से एकजुट होकर परमेश्वर से प्रार्थना करनी होगी।

जीवन हासिल करना आसान नहीं है, और इसे यह बात और भी महत्वपूर्ण बनाती है कि हम उसकी तलाश के लिए अपना सर्वोच्च प्रयास करें।

हालाँकि हम न्याय से गुजरकर दुःख झेलते हैं, और हमने बहुत आँसू बहाए हैं,

किंतु हमारे स्वभाव बदल गए हैं, और हमने परमेश्वर के प्रेम को चखा है।

सुसमाचार फैलाते हुए और उसकी गवाही देते हुए हम उसकी इच्छा का अनुसरण करते हैं।

हम ईमानदारी से परमेश्वर से प्रेम करेंगे, और उसके अच्छे इरादों को खुद पर बरबाद नहीं होने देंगे,

हम ईमानदारी से परमेश्वर से प्रेम करेंगे, ताकि उसका प्रेम सदा हमारे साथ बना रहे।

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