121 उस इंसान की समानता जिसे परमेश्वर से प्रेम है

1

जो लोग परमेश्वर से प्यार करते हैं, वे सच्चे होते हैं, उनके दिल ईमानदार और पवित्र होते हैं।

वे बिना किसी शको-शुबाह के पूरे दिल से मसीह का अनुसरण करते हैं।

जो लोग सचमुच परमेश्वर से प्यार करते हैं उनमें धार्मिकता की भूख और प्यास होती है।

वे सत्य से प्यार करते हैं और जीने के लिए परमेश्वर के वचनों पर निर्भर रहते हैं; वे परमेश्वर से जुदा नहीं हो सकते।


2

जो लोग परमेश्वर से प्यार करते हैं वे उसका आज्ञापालन करते हैं, वे तहे-दिल से दयालु और मानवीय होते हैं।

वे अपने कर्तव्यों के प्रति कभी लापरवाह नहीं होते, वे हर चीज में परमेश्वर की इच्छा का विचार करते हैं।

जो लोग वास्तव में परमेश्वर से प्यार करते हैं, वे परमेश्वर के विचारों और चिंताओं को साझा करते हैं।

वे अपने आप को पूरी निष्ठा से खपाते हैं और बिना किसी शिकायत के, मुश्किलों को सहते हैं, किसी इनाम की अपेक्षा नहीं करते।


3

जो लोग परमेश्वर से प्यार करते हैं, वे परमेश्वर का भय मानते हैं, वे समझ जाने के बाद सत्य का अभ्यास करते हैं।

वे हर चीज में परमेश्वर के निरीक्षण को स्वीकार करते हैं, वे खुली किताब होते हैं, वे प्रकाश में रहते हैं।

जो लोग वास्तव में परमेश्वर से प्यार करते हैं, वे हर चीज में उसकी इच्छा को खोजते हैं।

वे अपनी बातचीत और कर्म में सिद्धांतवादी होते हैं, और सत्य की वास्तविकता को जीते हैं।


4

जो लोग परमेश्वर से प्रेम करते हैं, वे उसके प्रति समर्पित होते हैं, वे परीक्षणों का सामना करते हुए उसकी गवाही देते हैं।

वे परमेश्वर को धोखा देने के बजाय अपनी जान देना पसंद करते हैं।

जो लोग वास्तव में परमेश्वर से प्यार करते हैं, वे परमेश्वर को जानने का प्रयास करते हैं।

वे बिना किसी शिकायत के परमेश्वर के आयोजनों के प्रति समर्पित होते हैं, उनका परमेश्वर को प्रेम करने वाला हृदय कभी बदलता नहीं।


5

जो लोग परमेश्वर से प्यार करते हैं वे अपने कर्तव्य को ईमानदारी से निभाते हैं और परमेश्वर के द्वारा सबसे अधिक आशीषित होते हैं।

जो लोग परमेश्वर से प्यार करते हैं, वे ईमानदार होते हैं जिन्हें परमेश्वर प्यार करता है।

जो लोग परमेश्वर से प्यार करते हैं, वे उसका आज्ञापालन और उसकी इच्छा का अनुसरण करते हैं।

जो लोग परमेश्वर से प्रेम करते हैं, वही न्याय और ताड़ना के ज़रिये पूर्ण किए जाने योग्य होते हैं।

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