90 परमेश्वर का प्रेम सबसे सच्चा है
1
एक मनुष्य का पुत्र है; वह स्वर्ग से आया था।
मानवजाति को बचाने के लिए वह विनम्र अस्पष्टता के साथ देह में छिपा रहता है।
वह मनुष्य का न्याय और शुद्धिकरण करते हुए सत्य को व्यक्त करता है;
उसके वचन लोगों का भरण-पोषण करते हैं, और उन्हें शाश्वत जीवन का मार्ग प्रदान करते हैं।
उसने अपने समस्त प्रयास भ्रष्ट मानवजाति के उद्धार में लगा दिए हैं।
उसका कठोर न्याय इंसान की पापी प्रकृति को बाहर निकालता है।
उसका स्वभाव धार्मिक और पवित्र है, और प्रेम तथा करुणा से भरा है।
उसने हर कीमत चुकाई है, ताकि इंसान को शुद्ध किया जा सके।
उसके सभी वचन सत्य हैं, और उन्होंने मनुष्य को उद्धार का मार्ग प्रदान किया है।
2
मेरा प्रियतम बहुत प्यारा है, उसका दिल बहुत सुंदर है :
इंसान का ध्यानपूर्वक पोषण और सिंचन करते हुए वह अपना कार्य दिल लगाकर करता है।
मानवजाति को बचाने का कार्य करते हुए वह दिन-रात परिश्रम करता है,
और लोगों के क्लेशों में साझेदारी करते हुए शैतान पर विजय पाने में उनकी अगुआई करता है।
उसका धार्मिक न्याय कोप और प्रताप से भरा होता है;
वह सभी लोगों को बचाने के लिए अपनी परवाह न करते हुए बड़े लाल अजगर के साथ युद्ध करता है।
वह अपने अधिकार का प्रदर्शन करते हुए सभी शत्रुतापूर्ण ताकतों पर विजय प्राप्त करता है।
और वह विजेताओं का एक समूह बनाने के लिए शैतान की सेवा का उपयोग करता है।
उसने शैतान को पूरी तरह से हरा दिया है, और पूर्ण महिमा हासिल की है।
3
मेरे प्रियतम, तुम बहुत सुंदर हो, और तुमने मुझे सम्मोहित कर लिया है :
तुम्हारा सच्चा बलिदान मेरे दिल को छू जाता है।
मेरे हृदय के प्रियतम, अब तुम्हारे जाने का समय है :
हम दोबारा कब मिलेंगे? कब हमारी एक बार फिर भेंट होगी?
तुम्हारी धार्मिकता और पवित्रता मेरे भीतर गहरी श्रद्धा जगाती हैं;
तुम्हारे शुद्ध और निर्दोष प्रेम को मैं निरंतर सँजोता हूँ।
मैं हमेशा तुम्हारी आज्ञा याद रखूँगा, और तुम्हें संतुष्ट करने के लिए अपने कर्तव्य पूरे करूँगा;
मैं तुम्हें दिलासा दूँगा, और तुम्हारी उम्मीदों पर खरा उतरूँगा।
तुमसे प्रेम करते हुए और अनंत काल तक तुम्हारे लिए गवाही देते हुए मैं तुम्हारी इच्छा पूरी करूँगा!