817 परमेश्वर की एकमात्र इच्छा
1
जो देखते हो आज तुम लोग, है यहोवा की महिमा,
यीशु का छुटकारा, और आज के कार्य सारे परमेश्वर के।
सुन लिये हैं वचन तुमने परमेश्वर के आत्मा के,
बुद्धिमत्ता उसकी, चमत्कार उसका, स्वभाव उसका जान लिया है तुमने,
बता दिया गया है उसकी प्रबंधन योजना के बारे में तुम्हे।
हालाँकि पैदा हुए थे अंत के दिनों में तुम, समझ गए हो फिर भी जो अतीत का है,
अनुभव कर लिया है तुमने जो आज का है, परमेश्वर के हाथों जो पूरा हुआ है।
माँग जायज़ है परमेश्वर की, क्योंकि बहुत कुछ दिया है तुम्हें उसने,
बहुत कुछ है देखा उसके ज़रिये उसके ज़रिये तुमने।
सभी युगों के संतों को दो गवाही परमेश्वर के लिए,
बस यही इच्छा है उसके हृदय की, बस यही इच्छा है उसके हृदय की।
2
जो देखा है तुमने वो महज़ एक प्रेमी परमेश्वर नहीं, है वो धार्मिक परमेश्वर भी।
कितना चमत्कारी है परमेश्वर का कार्य, तुमने तो देखा ही है,
जान लिया है तुमने उसके रोष को, प्रताप को।
ये भी जान लिया है तुमने,
एक बार इस्राएल के घर पर हुआ था, परमेश्वर के क्रोध का प्रकोप,
और आज तुम पर आया है ये प्रकोप।
हालाँकि पैदा हुए थे अंत के दिनों में तुम, समझ गए हो फिर भी जो अतीत का है,
अनुभव कर लिया है तुमने जो आज का है, परमेश्वर के हाथों जो पूरा हुआ है।
माँग जायज़ है परमेश्वर की।
3
परमेश्वर के रहस्यों को यशायाह और यूहन्ना की तुलना में,
तुमने ज़्यादा समझा है।
उसकी मनोरमता को पहले के सभी संतों की तुलना में, तुमने ज़्यादा जाना है।
पाया नहीं है तुमने महज़ परमेश्वर का सत्य, मार्ग, जीवन,
बल्कि दर्शन और प्रकाशन उससे बड़ा जो पाया यूहन्ना ने।
हालाँकि पैदा हुए थे अंत के दिनों में तुम, समझ गए हो फिर भी जो अतीत का है,
अनुभव कर लिया है तुमने जो आज का है, परमेश्वर के हाथों जो पूरा हुआ है।
माँग जायज़ है परमेश्वर की।
4
पा लिये हैं बहुत सारे भेद तुमने, देख लिया है सच्चा मुख परमेश्वर का तुमने।
पा लिया है अधिक न्याय परमेश्वर का तुमने,
जान ली है अधिक धार्मिकता परमेश्वर की तुमने।
हालाँकि पैदा हुए थे अंत के दिनों में तुम, समझ गए हो फिर भी जो अतीत का है,
अनुभव कर लिया है तुमने जो आज का है, परमेश्वर के हाथों जो पूरा हुआ है।
माँग जायज़ है परमेश्वर की, क्योंकि बहुत कुछ दिया है तुम्हें उसने,
बहुत कुछ है देखा उसके ज़रिये उसके ज़रिये तुमने।
सभी युगों के संतों को दो गवाही परमेश्वर के लिए,
बस यही इच्छा है उसके हृदय की, बस यही इच्छा है उसके हृदय की।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम विश्वास के बारे में क्या जानते हो? से रूपांतरित