962 परमेश्वर का धार्मिक स्वभाव कोई अपमान नहीं सहता

मेरा धार्मिक स्वभाव बुरा काम करने वालों के लिए धार्मिक दंड है; जो लोग मेरे मार्ग पर नहीं चलते उन्हें निश्चित ही दंड दिया जाएगा, भले ही वे अंत तक अनुसरण करते रहें। यह परमेश्वर की धार्मिकता है। परमेश्वर के धार्मिक स्वभाव का अर्थ यह नहीं है कि जो अपने पाप स्वीकारते हैं उनके साथ कोमलता के साथ व्यवहार किया जाता है। धार्मिकता पवित्रता है, और एक ऐसा स्वभाव है जो मनुष्य के अपराध को सहन नहीं कर सकता, और वह सब कुछ जो अशुद्ध है और जो परिवर्तित नहीं हुआ है, वह परमेश्वर की घृणा का पात्र है। परमेश्वर का धार्मिक स्वभाव व्यवस्था नहीं, बल्कि प्रशासनिक आज्ञा है: यह राज्य के भीतर एक प्रशासनिक आज्ञा है, और यह प्रशासनिक आज्ञा हर उस व्यक्ति के लिए धार्मिक दंड है जिसमें सत्य नहीं है और जो परिवर्तित नहीं हुआ है, और जिसके उद्धार की कोई गुंजाइश नहीं है। क्योंकि जब प्रत्येक मनुष्य को उसकी किस्म के अनुसार वर्गीकृत किया जायेगा, तो अच्छे को पुरस्कार और बुरे को दंड दिया जाएगा। इसी समय मनुष्य के गंतव्य को भी स्पष्ट किया जाएगा; यह वह समय होगा जब उद्धार का कार्य भी समाप्त हो जाएगा, उसके बाद मनुष्य के उद्धार का कार्य नहीं किया जाएगा, और बुराई करने वाले हर इंसान को कठोर दंड दिया जाएगा।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, पतरस के अनुभव : ताड़ना और न्याय का उसका ज्ञान से रूपांतरित

पिछला: 961 परमेश्वर द्वारा मनुष्य के दंड का दिन करीब है

अगला: 963 परमेश्वर कोई अपमान बर्दाश्त नहीं करता है

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

420 सच्ची प्रार्थना का प्रभाव

1ईमानदारी से चलो,और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे, गहरे छल से छुटकारा पाओगे।प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;प्रार्थना करो,...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें