398 परमेश्वर की बुद्धि, शैतान की साजिशों के अनुसार सामने आती है
1 इससे फर्क नहीं पड़ता कि मानवजाति कितनी भी भ्रष्ट हुई या साँप ने उन्हें कैसे प्रलोभित किया, यहोवा के पास तब भी अपनी बुद्धि थी; इसलिए, जबसे उसने संसार का सृजन किया है, वह नये-नये कार्य में व्यस्त रहा है और उसके कार्य का कोई भी कदम कभी भी दोहराया नहीं गया है। शैतान ने लगातार षडयंत्र किये हैं; मानवजाति लगातार शैतान के द्वारा भ्रष्ट की गई है, यहोवा परमेश्वर ने भी अपने बुद्धिमान कार्य को लगातार सम्पन्न किया है। वह कभी भी असफल नहीं हुआ है, और संसार के सृजन से अब तक उसने कार्य को कभी नहीं रोका है। यह सब कार्य करते हुए, उसने न केवल शैतान के द्वारा भ्रष्ट की जा चुकी मनुष्यजाति को उसके द्वारा महान उद्धार को प्राप्त करने की अनुमति दी है, बल्कि अपनी बुद्धि सर्वशक्तिमत्ता और अधिकार को देखने की उन्हें अनुमति भी दी है, और अंत में वह मानवजाति को अपना धार्मिक स्वभाव देखने देगा—दुष्टों को दण्ड देगा, और अच्छों को पुरस्कार देगा।
2 उसने आज के दिन तक शैतान के साथ युद्ध किया है और कभी भी पराजित नहीं हुआ है। क्योंकि वह एक बुद्धिमान परमेश्वर है, और उसकी बुद्धि शैतान के षडयंत्रों के आधार पर प्रयोग की जाती है। और इसलिए वह न केवल स्वर्ग की सब चीज़ों को अपने अधिकार के सामने समर्पित करवाता है; बल्कि वह पृथ्वी की सभी चीज़ों को अपने पाँव रखने की चौकी के नीचे रखवाता है, और यही अंतिम बात नहीं है, वह उन बुरे कार्य करने वालों को, जो मानवजाति पर आक्रमण करते हैं और उसे सताते हैं, अपनी ताड़ना के अधीन करता है। कार्य के सभी परिणाम उसकी बुद्धि के कारण उत्पन्न होते हैं। केवल इस समय ही स्वर्ग और पृथ्वी में हर चीज़ परमेश्वर की बुद्धि, सर्वशक्तिमत्ता, और विशेषकर परमेश्वर की यथार्थता को देख सकती है।
— "वचन देह में प्रकट होता है" में "तुम्हें पता होना चाहिए कि समस्त मानवजाति आज के दिन तक कैसे विकसित हुई" से रूपांतरित