146 अन्यजाति के देशों में परमेश्वर का नाम फैलेगा

1

मानवता की विनयशीलता को बढ़ावा देना,

परमेश्वर के न्याय का उद्देश्य है;

मानव का रूपांतरण करना, परमेश्वर की ताड़ना का उद्देश्य है।

परमेश्वर का काम अपने प्रबंधन के लिये है मगर,

कुछ भी ऐसा नहीं है जो इंसान के हित में ना हो।

परमेश्वर चाहता है, इस्राएल के परे की धरती,

इस्राएलवासियों की तरह आदेश माने,

बना सके उन्हें सच्चे मानव,

ताकि इस्राएल के परे की धरती पर, पांव परमेश्वर के जम जाएं।

ये परमेश्वर का प्रबंधन है, ये परमेश्वर का प्रबंधन है।

अन्यजातियों की धरती पर, ये उसका काम है।


2

हैं बहुत से लोग जो आज, परमेश्वर के प्रबंधन से अंजान हैं।

क्योंकि उनकी चिंताएं, उनकी इच्छाएं, अपने भविष्य पर एकाग्र हैं।

चाहे कुछ भी बोले परमेश्वर, वो ना तो उसको,

और ना ही उसके काम को खोजते हैं।

इंसान तो बस सोचता है कल की धरती के विषय में।

इंसान तो बस सोचता है कल की धरती के विषय में।

गर यही चलता रहा, तो कैसे परमेश्वर का काम फैलेगा?

कैसे दुनिया में सुसमाचार फैलेगा?

जान लो, जब परमेश्वर का काम फैलेगा,

तुम सब दूर-दूर तक बिखर जाओगे।

जिस तरह यहोवा ने इस्राएल पर किया,

उसी तरह परमेश्वर तुम लोगों पर प्रहार करेगा,

धरती पर सुसमाचार फैलेगा,

परमेश्वर का काम अन्यजातियों की धरती पर फैलेगा।

जवां हो या बुज़ुर्ग हो, सभी में परमेश्वर का नाम फैलेगा,

सभी जनजातियों के मुख से परमेश्वर का जय जयकार निकलेगा।


3

आख़िरी वक्त में, अंतिम युग में,

अन्यजाति के देशों में परमेश्वर का नाम गूंजेगा।

अन्यजातियां देखकर परमेश्वर के काम को,

उसे सर्वशक्तिमान पुकारेंगी, और उसके वचन सत्य होंगे एक दिन।

परमेश्वर लोगों को ये एहसास करा देगा,

वो महज़ इस्राएलियों का परमेश्वर नहीं है,

वो अन्यजाति के देशों का भी परमेश्वर है,

और उनका भी जिन्हें उसने शापित किया है।

दिखा देगा हर इंसान को, वो हर रचना का परमेश्वर है।

यही सबसे बड़ा है काम परमेश्वर का,

यही मकसद है उसके आख़िरी दिनों के काम का,

यही है काम जो अंतिम दिनों में वो करेगा,

यही है काम जो अंतिम दिनों में वो करेगा,

यही है काम जो अंतिम दिनों में वो करेगा,

यही है काम जो अंतिम दिनों में वो करेगा।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, सुसमाचार को फैलाने का कार्य मनुष्य को बचाने का कार्य भी है से रूपांतरित

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