115 परमेश्वर के वचनों का सत्य बहुत मूल्यवान है

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परमेश्वर इंसान के साथ रहने के लिए धरती पर आया है, वह कई सत्य प्रकट करता है।

अब मैं अनिश्चितता में खोज नहीं करता, क्योंकि मेरे पास मेरे मार्गदर्शन के लिए परमेश्वर के वचन हैं।

प्रतिदिन, मैं परमेश्वर के वचनों को पढ़ता हूँ और परमेश्वर के सामने जीता हूँ; पवित्र आत्मा मुझे प्रबुद्ध और रोशन करता है।

अब मैं सत्य को अधिक स्पष्टता से समझता हूँ, और मेरा जीवन धीरे-धीरे विकसित होता है।

परमेश्वर के वचन इंसान की भ्रष्टता के सच्चे तथ्य उजागर करते हैं, और मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूँ।

परमेश्वर के वचनों के न्याय और परीक्षणों के कष्ट के माध्यम से मेरे भ्रष्ट स्वभाव शुद्ध किए जा रहे हैं।

परमेश्वर के वचनों की समृद्धि का आनंद लेते हुए मैंने बहुत ज्यादा हासिल किया है।

परमेश्वर के स्वभाव की धार्मिकता और पवित्रता देखकर मेरा दिल विस्मय और सम्मान से भर उठता है।


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परमेश्वर के वचनों को पढ़कर मैं सत्य को समझता हूँ और देह की बाधाओं को लाँघ जाता हूँ।

सत्य की तलाश और अपना कर्तव्य पूरा करते समय परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते हुए मैं एक ईमानदार इंसान की सदृशता को जीता हूँ।

अपने भ्रष्ट स्वभाव को त्यागकर मैं देखता हूँ कि परमेश्वर के वचनों का सत्य बहुत मूल्यवान है।

परमेश्वर के वचनों का अभ्यास कर, मैं सत्य और जीवन हासिल कर लेता हूँ तथा मेरे दिल को और कुछ भी नहीं चाहिए।

यह देखकर कि परमेश्वर का प्रेम कितना महान, कितना वास्तविक है, मैं खुशी से अपना सच्चा दिल परमेश्वर को सौंपता हूँ।

आगे चाहे कैसे भी कष्ट और कठिनाइयाँ आएँ, मैं परम श्रद्धा के साथ अनुसरण करता हूँ।

परमेश्वर से प्रेम करने, उसका भय मानने और बुराई का त्याग करने की चाह के साथ अब मार्ग और भी अधिक उज्ज्वल है।

मसीह का अंत तक अनुसरण करते हुए, परमेश्वर के प्रति वफादार रहकर मैं उसके मुसकराते रूप का स्वागत करता हूँ।

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