468 ईश-वचन इंसान के जीवन की सभी जरूरतों के लिए आपूर्ति करते हैं
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ईश-वचन इंसान के लिए जीवन जीने के सिद्धांत,
लक्ष्य, मार्ग और दिशा हैं, जो उसे बचाए जाने की ओर ले जाते।
वे वो सत्य प्रदान करते जो उसमें एक प्राणी के रूप में होने चाहिए,
वो सत्य कि कैसे वो ईश्वर को पूजे और उसकी आज्ञा माने।
वे वो सत्य हैं जो मानवजाति का अस्तित्व सुनिश्चित करें।
वे दैनिक आहार हैं।
वे एकमात्र ठोस आधार हैं,
जो उसे मजबूती से खड़ा रखते, खड़ा रखते और मजबूत बनाते।
ईश-वचन चाहे लगें गहरे या सादे,
वे सब वो सत्य हैं जो इंसान को चाहिए जीवन-प्रवेश के लिए।
वे जीवन-जल का स्रोत हैं
जो इंसान को देह और आत्मा में जीवित रहने में सक्षम करते,
जो इंसान के जीने के लिए ज़रूरी हैं।
2
ईश-वचनों में है सामान्य मानवता का सत्य
और वो सत्य जिससे इंसान छूट सके
बुराई, भ्रष्टता और शैतान के फंदे से।
वे स्रष्टा से अथक शिक्षा, उपदेश, प्रोत्साहन और सांत्वना लाते।
वे इंसान को प्रबुद्ध करते, मार्ग दिखाते,
जिससे इंसान समझ जाए वो सब, जो सकारात्मक है।
ईश-वचन चाहे लगें गहरे या सादे,
वे सब वो सत्य हैं जो इंसान को चाहिए जीवन-प्रवेश के लिए।
वे जीवन-जल का स्रोत हैं
जो इंसान को देह और आत्मा में जीवित रहने में सक्षम करते,
जो इंसान के जीने के लिए ज़रूरी हैं।
3
ईश-वचनों में है आश्वासन
इंसान पा सकेगा वो सब जो धार्मिक है, और वो सब जो अच्छा है।
ईश-वचनों में है मापदंड
सब मापने का, सब लोग, सब घटनाएँ, और संसार की सब चीज़ें।
वे संकेत हैं जो इंसां को राह दिखलाते उद्धार और प्रकाश की ओर।
ईश-वचन चाहे लगें गहरे या सादे,
वे सब वो सत्य हैं जो इंसान को चाहिए जीवन-प्रवेश के लिए।
वे जीवन-जल का स्रोत हैं
जो इंसान को देह और आत्मा में जीवित रहने में सक्षम करते,
जो इंसान के जीने के लिए ज़रूरी हैं।
—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, प्रस्तावना से रूपांतरित