117 अंत के दिनों का ईश-कार्य अधिक गहन है
आज के कार्य ने आगे बढ़ाया है अनुग्रह के युग के कार्य को।
छह हजार सालों का कार्य, प्रबंधन योजना जारी है।
यूँ तो अनुग्रह का युग हो गया समाप्त,
फिर भी प्रगति हुई है ईश-कार्य में, ईश-कार्य में।
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क्यों ये बार-बार कहा जाता
आज का कार्य पिछले युगों पर है आधारित?
ये अनुग्रह के युग का करता अनुसरण
और है व्यवस्था के युग के कार्य से ऊंचा।
मजबूती से जुड़ी कड़ियों की तरह, तीनों चरण हैं आपस में जुड़े।
न होता गर ये चरण यीशु के कार्य पर आधारित
तो सूली चढ़ने का काम फिर करना होता।
अनुग्रह के युग का छुटकारा फिर से करना पड़ता।
तो ऐसा नहीं कि कार्य पूरा हो गया है,
बल्कि उसका स्तर ऊँचा हो गया है।
आज के कार्य ने आगे बढ़ाया है अनुग्रह के युग के कार्य को।
छह हजार सालों का कार्य, प्रबंधन योजना जारी है।
यूँ तो अनुग्रह का युग हो गया समाप्त,
फिर भी प्रगति हुई है ईश-कार्य में, ईश-कार्य में।
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कार्य का ये चरण आधारित है यीशु के कार्य
और व्यवस्था के युग की नींव पर।
ईश-कार्य चरण-दर-चरण निर्मित होता,
ये चरण कोई नई शुरुआत नहीं।
इन तीन चरणों का मेल ही कहला सकता
छह हजार वर्षों की प्रबंधन योजना।
आज के कार्य ने आगे बढ़ाया है अनुग्रह के युग के कार्य को।
छह हजार सालों का कार्य, प्रबंधन योजना जारी है।
यूँ तो अनुग्रह का युग हो गया समाप्त,
फिर भी प्रगति हुई है ईश-कार्य में।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, दो देहधारण पूरा करते हैं देहधारण के मायने से रूपांतरित