116 परमेश्वर सदा से काम करता रहा है इंसान को राह दिखाने के लिए

1 परमेश्वर के प्रबंधन के अस्तित्व के समय से ही, वह अपना कार्य कार्यान्वित करने के लिए हमेशा ही पूरी तरह से समर्पित रहा है। मनुष्य से अपने व्यक्तित्व को छिपाने के बावजूद, वह हमेशा मनुष्य के अगल-बगल ही रहा है, मनुष्य पर कार्य करता रहा है, अपने स्वभाव को व्यक्त करता रहा है, अपने सार से समूची मानवजाति का मार्गदर्शनकरता रहा है और अपनी शक्ति, अपनी बुद्धि और अपने अधिकार के माध्यम से हर एक व्यक्ति पर अपना कार्य करता रहा है, इस प्रकार वह व्यवस्था के युग, अनुग्रह के युग और आज के राज्य के युग को अस्तित्व में लाया है। यद्यपि परमेश्वर मनुष्य से अपने व्यक्तित्व को छिपाता है, फिर भी उसका स्वभाव, उसका अस्तित्व और चीज़ें और मानवजाति के प्रति उसकी इच्छा खुलकर मनुष्य पर प्रकट हैं, ताकि मनुष्य उन्हें देख एवं अनुभव कर सके। यद्यपि मानव परमेश्वर को देख या स्पर्श नहीं कर सकते, फिर भी मानवता के सामने आने वाला परमेश्वर का स्वभाव एवं सार पूरी तरह स्वयं परमेश्वर की अभिव्यक्तियाँ हैं।

2 परमेश्वर अपने कार्य के लिए चाहे जिस रास्ते या कोण को चुने, वह हमेशा अपनी सच्ची पहचान के ज़रिए लोगों से बर्ताव करता है, वह कार्य करता है जिन्हें करना उसका फर्ज़ है और वे वचन कहता है, जो उसे कहने हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि परमेश्वर किस स्थान से बोलता है—वह तीसरे स्वर्ग में खड़ा हो सकता है या देह में खड़ा हो सकता है या यहाँ तक कि एक साधारण व्यक्ति हो सकता है—वह मनुष्य से बिना किसी छल या छिपाव के हमेशा अपने पूरे दिल और अपने पूरे मन के साथ बोलता है। जब वह अपने कार्य को क्रियान्वित करता है, परमेश्वर अपने वचन एवं अपने स्वभाव को अभिव्यक्त करता है और बिना किसी प्रकार के संदेह के जो वह स्वयं है और जो उसके पास है, उसे प्रकट करता है। वह अपने जीवन, अस्तित्व और अपनी चीज़ों के साथ मानवजाति का मार्गदर्शन करता है।

—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I से रूपांतरित

पिछला: 115 परमेश्वर का प्रबंधन हमेशा आगे बढ़ता रहता है

अगला: 117 अंत के दिनों का ईश-कार्य अधिक गहन है

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

420 सच्ची प्रार्थना का प्रभाव

1ईमानदारी से चलो,और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे, गहरे छल से छुटकारा पाओगे।प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;प्रार्थना करो,...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें