86 अंत के दिनों में हासिल करता है सब परमेश्वर मुख्यत: वचनों से

1

अंत के दिनों में जब देहधारण करता है परमेश्वर,

तो प्रकाशित और पूरा करने हर काम को,

प्रयोग करता है वचन का परमेश्वर।

केवल उसके वचनों में ही देख सकता है तू

वो क्या है, वो है स्वयं परमेश्वर।

कोई और कार्य नहीं करता परमेश्वर, केवल वचन बोलता है परमेश्वर।

ज़रूरत नहीं है तथ्यों की, अब वचन ही काफ़ी होंगे, अब वचन ही काफ़ी होंगे।

वचन की सेवकाई पूरी करने,

अंत के दिनों में धरती पर आया है परमेश्वर।

ताकि जान सके इंसान उसे, देख सके उसके स्वरूप को,

उसकी बुद्धि को, उसके चमत्कारी कामों

को उसके वचन से, उसके वचन से, उसके वचन से।


2

आने वाले समय में हर पंथ पर,

हर समूह, देश, संप्रदाय पर, अवतरित होंगे उसके वचन।

सबको जीतने और दिखाने की ख़ातिर,

अधिकार और सामर्थ्य वचन की, वचन का प्रयोग करता है परमेश्वर।

इस तरह आज, सामना होता है तुम्हारा सिर्फ़ परमेश्वर के वचन से।

राज्य के युग में, हर इंसान को जीतने के लिये,

ख़ास तौर पर, वचन का प्रयोग करता है परमेश्वर, परमेश्वर।


3

दिखाएँगे अपनी सामर्थ्य और अधिकार परमेश्वर के वचन।

पहले के युगों से लेकर आज तक, पूरे होंगे सारे परमेश्वर के वचन।

इस तरह परमेश्वर की महिमा होगी धरती पर।

इसलिये, दूसरे लफ़्ज़ों में,

राज करेंगे उसके वचन सदा के लिये धरती पर।

राज्य के युग में, हर इंसान को जीतने के लिये,

ख़ास तौर पर, वचन का प्रयोग करता है परमेश्वर।

वचन की सेवकाई पूरी करने,

अंत के दिनों में धरती पर आया है परमेश्वर।

ताकि जान सके इंसान उसे, देख सके उसके स्वरूप को,

उसकी बुद्धि को, उसके चमत्कारी कामों

को उसके वचन से, उसके वचन से, उसके वचन से।


4

दुष्ट सारे ताड़ित होंगे उसके वचन से,

सभी धार्मिक धन्य होंगे उसके वचन से।

सभी स्थापित होंगे, पूर्ण किये जाएँगे उसके वचन से।

ज़रूरत न होगी किसी चिह्न-चमत्कार की।

सब काम पूरे होंगे उसके वचन से।

और सच्चाइयाँ जन्म लेंगी उसके वचन से।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर के वचन के द्वारा सब-कुछ प्राप्त हो जाता है से रूपांतरित

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