973 परमेश्वर जो भी कहता और करता है वह सत्य है
1
शैतान की दुष्ट प्रकृति और इंसान के भ्रष्ट स्वभाव को लेकर,
कभी किसी से झगड़ा या बहस न करे,
इंसानी बेवकूफ़ियों पर हंगामा न करे ईश्वर।
इंसान से कभी मेल न खाएँ ईश्वर के विचार।
इंसानी नज़रिए या ज्ञान का इस्तेमाल न करे ईश्वर;
चीज़ों को संभालने के लिए कभी इंसानी विज्ञान,
फ़लसफ़े या कल्पना का इस्तेमाल न करे ईश्वर।
ईश्वर जो भी कार्य करे, जो भी प्रकट करे, वो सत्य से जुड़ा होता है।
उसका बोला हर वचन, उसका किया हर काम,
किया हर काम सब सत्य से जुड़ा होता है।
2
ये सत्य, ये वचन निराधार कल्पना नहीं हैं;
ये ईश्वर द्वारा उसके सार और जीवन से व्यक्त हुए हैं।
क्योंकि ईश्वर के हर काम का सार और उसके बोले वचन सत्य हैं,
कह सकते हैं हम, पवित्र है ईश्वर का सार।
इंसान को दे जीवन-शक्ति, प्रकाश ईश्वर का कथन और कार्य,
जिससे सकारात्मक चीज़ें देख पाए इंसान, जो दिखाए सही मार्ग इंसान को।
ये चीज़ें तय होतीं ईश्वर के सार और उसकी पवित्रता के सार की वजह से।
ईश्वर जो भी कार्य करे, जो भी प्रकट करे, वो सत्य से जुड़ा होता है।
उसका बोला हर वचन, उसका किया हर काम,
किया हर काम सब सत्य से जुड़ा होता है।
—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V से रूपांतरित