प्रश्न 7: चीनी कम्युनिस्ट सरकार एक क्रांतिकारी पार्टी है। वह केवल झूठ और हिंसा में विश्वास करती है, यानी, हिंसा से सत्ता पर कब्ज़ा करने में! चीनी कम्युनिस्ट सरकार के तर्क से देखा जाये तो, "हज़ार बार दोहराये जाने पर कोई भी झूठ सच हो जाता है।" चाहे कितने ही लोग उस पर शक करें, उसे नकारें या उस पर अविश्वास करें, सरकार इसकी रत्ती भर भी परवाह नहीं करती, और वह उसी तरह झूठ बोलना और धोखा देना जारी रखती है। अपने तुरंत फायदे और उद्देश्य के लिये, उसे जो भी कीमत चुकानी पड़े, उसकी वो परवाह नहीं करती! अगर लोग उससे बगावत करते या उसके विरोध में जुलूस निकालते हैं, तो वह इससे निपटने के लिए टैंकों और मशीन गनों का उपयोग करेगी। ज़रूरत पड़ने पर वह विरोधी ताकतों का सामना करने के लिए एटम बम और मिसाइलों का उपयोग करेगी। चीनी कम्युनिस्ट सरकार सत्ता में टिके रहने के लिये किसी भी हद तक जा सकती है। जैसे ही शेंडोंग के झाओयुआन मामले की सार्वजनिक रूप से घोषणा की गयी, ईसाइयों को दबाने और किसी भी कीमत पर गिरफ़्तार करने के लिए चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने सशस्त्र पुलिस इकाइयों की तैनाती शुरू कर दी थी। इसे कौन रोक सकता है? इसका विरोध करने की हिम्मत किस में है? विदेशी लोग चीनी कम्युनिस्ट सरकार के धोखे को देखकर भी क्या कर पाए? चीनी कम्युनिस्ट सरकार के पास पश्चिमी लोकतांत्रिक ताकतों की निंदा का मुकाबला करने के कई तरीके हैं, वह पैसों से सबकुछ निपटा लेती है। जैसा कि कहा जाता है, "भेंट पाना यानी अपनी आज़ादी बेच देना।" अब कम-से-कम देश चीनी कम्युनिस्ट सरकार की निंदा कर रहे हैं। विरोधी ताकतें अपनी आवाज़ उठाने से डर रही हैं। और चीनी कम्युनिस्ट सरकार अभी भी अपने शासन को बनाये रखने में सक्षम है। जब तक कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में है, तुम जैसे परमेश्वर के विश्वासी स्वतंत्र होने की उम्मीद नहीं कर सकते। चीन में परमेश्वर के प्रकटन और कार्य से सीसीपी सरकार ज़रूर उस पर बंदिश लगाएगी। चाहे चीनी कम्युनिस्ट सरकार चीन में एक नास्तिक अस्तित्व के लक्ष्य को प्राप्त करे या नहीं, यह तुम्हें गिरफ़्तार करना और दबाना कभी बंद नहीं करेगी! मुझे ये पहले से पता है। इसलिए मैं तुम्हारे सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास का ज़ोरदार विरोध करता हूँ। यह सब तुम्हारे लिए है, क्या तुम्हें समझ नहीं आता?

उत्तर: बुरी होने के बावजूद चीनी कम्युनिस्ट सरकार दुनिया भर में फैली हुई है और उसे रोकने की हिम्मत किसी में नहीं है। क्या इसका मतलब यह है कि वह हमेशा अपना शासन बनाये रख सकती है? जब प्रभु यीशु कार्य करने के लिए प्रकट हुए, तो रोमन शासन ने उनका विरोध और निंदा करने की भरसक कोशिश की। इतनी मज़बूत सरकार, क्या वह अंत में परमेश्वर की भेजी गई महामारी से नष्ट नहीं हो गयी? चाहे संसार में कैसी भी ताकतें क्यों न हों, अगर वे परमेश्वर का विरोध और उनके विरुद्ध कार्य करेंगी, वे बिना किसी अपवाद के परमेश्वर द्वारा नष्ट कर दी जाएंगी। हम ओहदे और सत्ता की वकालत नहीं कर सकते, न ही बुरी शक्तियों की क्योंकि परमेश्वर सब पर शासन करते हैं। जो भी परमेश्वर का विरोध करेगा, निश्चित रूप से उसका नाश होगा! हालांकि हमने चीनी कम्युनिस्ट सरकार की अतिदुष्टता को देखा है, ज़रूरी नहीं है कि हम उनकी शैतानी प्रकृति को देख सकें। चीनी कम्युनिस्ट सरकार परमेश्वर का विरोध क्यों करती है और क्यों परमेश्वर के चुने लोगों को नुकसान पहुंचाती है? प्रभु यीशु ने बहुत पहले बाइबल में कहा था: "इस युग के लोग बुरे हैं" (लूका 11:29)। "और दण्ड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उनके काम बुरे थे। क्योंकि जो कोई बुराई करता है, वह ज्योति से बैर रखता है, और ज्योति के निकट नहीं आता, ऐसा न हो कि उसके कामों पर दोष लगाया जाए" (यूहन्ना 3:19-20)। बाइबल भी कहती है: "सारा संसार उस दुष्‍ट के वश में पड़ा है" (1 यूहन्ना 5:19)। चीनी कम्युनिस्ट सरकार सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का विरोध और उनकी निंदा क्यों करती है? क्योंकि उसे डर है कि कहीं चीनी लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार कर वापिस उनकी शरण में न चले जाएं। चीनी कम्युनिस्ट सरकार को सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को सभी देशों के लोगों द्वारा स्वीकार कर लिये जाने से बहुत अधिक डर लगता है। चीनी कम्युनिस्ट सरकार डरती है कि कहीं सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अभिव्यक्त सभी सत्य दुनिया भर में प्रकाशित होकर न फैल जायें, और परमेश्वर की इच्छा धरती पर सार्वभौमिक रूप से पूरी हो जाएगी। यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि चीनी कम्युनिस्ट सरकार सत्य और परमेश्वर के प्रकटन और कार्य से सबसे अधिक डरी हुई है, यह उस सत्य की रोशनी से सबसे अधिक डरी हुई है जो मनुष्य जाति को अंधकार में रोशन करती है, क्योंकि चीनी कम्युनिस्ट सरकार को अच्छी तरह पता है कि एक बार सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन प्रकाशित हो गए, तो अंत के दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करने वाले निश्चित रूप से बहुत-से लोग होंगे। इसलिए चीनी कम्युनिस्ट सरकार पागलों की तरह उन सभी को दबाती और सताती है जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर का अनुसरण करते हैं। चीनी कम्युनिस्ट सरकार बहुत विकृत रूप से स्वर्ग के विरुद्ध कार्य करती है, यह परमेश्वर, सत्य और न्याय की शत्रु है! आप परमेश्वर का विरोध करने और परमेश्वर के चुने हुए लोगों को सताने के लिए चीनी कम्युनिस्ट सरकार के पक्ष में खड़े हुए हैं। यह एक जघन्य अपराध है जो परमेश्वर के स्वभाव को दुःख पहुँचाता है! इसको ज़रूर सज़ा मिलेगी! परमेश्वर के विरुद्ध कार्य करने वालों का बर्बाद होना और नर्क में जाना तय है!

"परिवार में रक्तिम पुनर्शिक्षा" फ़िल्म की स्क्रिप्ट से लिया गया अंश

पिछला: प्रश्न 6: कि तुम मई 28 के शेंडोंग के झाओयुआन मामले के बारे में क्या कहोगे जिसने देश और पूरी दुनिया को हिला दिया था? आखिरकार इस मामले की सुनवाई खुले न्यायालय में हुई थी! शेंडोंग के झाओयुआन मामले की घटना के बाद, सरकार ने गृह कलीसियाओं पर कार्रवाई तेज़ कर दी है, जिसके लिए सशस्त्र पुलिस बलों तक का उपयोग कर सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के सदस्यों पर कार्रवाई करने के लिए एक जबर्दस्त चंहुमुखी खोज-और-गिरफ्तारी का अभियान छेड़ा। हालांकि लोगों ने शेंडोंग के झाओयुआन मामले पर कई संदेह खड़े किए हैं, यह मानते हुए कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया पर कार्रवाई करने के पक्ष में जनमत खड़ा करने के लिए चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने एक झूठा केस गढ़ा था, चीनी मीडिया ने इस बात पर ध्यान दिए बिना कि तथ्य सही हैं या गलत, मामले की जानकारी सार्वजनिक कर दी है। इस बात ने दुनिया के विभिन्न देशों पर कुछ प्रभाव डाला है। शेंडोंग के झाओयुआन मामले को चाहे जैसे नकारा जाए, बहुत से लोग अभी भी कम्युनिस्ट पार्टी पर विश्वास करते हैं। इसलिये मुझे बताओ कि शेंडोंग के झाओयुआन मामले के बारे में तुम्हारी क्या राय है।

अगला: प्रश्न 8: नर्क में जाने वाली तुम्हारी बात पर मैं विश्वास नहीं करता। किसने देखा है कि नरक कहाँ है? नरक दिखता कैसा है? मैं तो यह भी नहीं जानता कि परमेश्वर का कोई अस्तित्व है भी या नहीं। आखिर परमेश्वर कहाँ है? परमेश्वर को किसने देखा है? अगर सर्वशक्तिमान परमेश्वर सच्चे परमेश्वर हैं, जब चीनी कम्युनिस्ट सरकार सर्वशक्तिमान परमेश्वर की निंदा और आक्रमण करती है, तो परमेश्वर ने उनका विनाश क्यों नहीं किया? अगर परमेश्वर अपनी सर्वशक्तिमत्ता से कम्युनिस्ट पार्टी को नष्ट कर देते हैं, तो वे वाकई परमेश्वर हैं। इस प्रकार, सम्पूर्ण मनुष्य जाति को यह स्वीकार करना होगा कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही सच्चे परमेश्वर हैं। यहाँ तक कि सीसीपी सरकार को भी सच्चे परमेश्वर की पूजा करनी होगी। परमेश्वर के विरोध की हिम्मत किसकी होगी? लेकिन वाकई हुआ क्या? मैंने देखा था कि पुलिस परमेश्वर में विश्वास रखने वालों को हर जगह गिरफ़्तार कर रही थी। परमेश्वर में विश्वास करने वाले बहुत से लोगों को जेल में सताया गया और उन्हें अपाहिज बना दिया गया। उनमें से कई मारे गए। लेकिन क्या तुम्हारे परमेश्वर ने उन्हें बचाया? यह सब कैसे किसी को विश्वास दिला सकता है कि जिस परमेश्वर में तुम विश्वास करते हो वह सच है? मैं तो तुम्हें समझ ही नहीं पा रहा हूँ। जिस परमेश्वर में तुम विश्वास करते हो वह सच हैं या झूठ? मुझे तो लगता है कि तुम भी यह नहीं जानते। ऐसे में क्या तुम बेवकूफी नहीं कर रहे? जिस परमेश्वर में तुम विश्वास करते हो वही सच्चा परमेश्वर है, क्या तुम इसे समझा सकते हो?

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

प्रश्न: प्रभु यीशु कहते हैं: "मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं" (यूहन्ना 10:27)। तब समझ आया कि प्रभु अपनी भेड़ों को बुलाने के लिए वचन बोलने को लौटते हैं। प्रभु के आगमन की प्रतीक्षा से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बात है, प्रभु की वाणी सुनने की कोशिश करना। लेकिन अब, सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि हमें नहीं पता कि प्रभु की वाणी कैसे सुनें। हम परमेश्वर की वाणी और मनुष्य की आवाज़ के बीच भी अंतर नहीं कर पाते हैं। कृपया हमें बताइये कि हम प्रभु की वाणी की पक्की पहचान कैसे करें।

उत्तर: हम परमेश्वर की वाणी कैसे सुनते हैं? हममें कितने भी गुण हों, हमें कितना भी अनुभव हो, उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। प्रभु यीशु में विश्वास...

प्रश्न 1: सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "केवल अंत के दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनंत जीवन का मार्ग दे सकता है," तो मुझे वह याद आया जो प्रभु यीशु ने एक बार कहा था, "परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन् जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा" (यूहन्ना 4:14)। हम पहले से ही जानते हैं कि प्रभु यीशु जीवन के सजीव जल का स्रोत हैं, और अनन्‍त जीवन का मार्ग हैं। क्या ऐसा हो सकता है कि सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर और प्रभु यीशु समान स्रोत हों? क्या उनके कार्य और वचन दोनों पवित्र आत्मा के कार्य और वचन हैं? क्या उनका कार्य एक ही परमेश्‍वर करते हैं?

उत्तर: दोनों बार जब परमेश्‍वर ने देह धारण की तो अपने कार्य में, उन्होंने यह गवाही दी कि वे सत्‍य, मार्ग, जीवन और अनन्‍त जीवन के मार्ग हैं।...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें