482 परमेश्वर के वचनों को जो संजोते हैं वे धन्य हैं

1

तैयार हैं जो परमेश्वर की निगरानी स्वीकारने को,

करते हैं वही अनुसरण परमेश्वर के ज्ञान का।

तैयार हैं वे परमेश्वर के वचन स्वीकारने को।

परमेश्वर की विरासत और आशीष वे पाएंगे।

यही वे लोग हैं जो परम भाग्यशाली हैं।

जिनके दिल में जगह नहीं उसकी, परमेश्वर उन्हें धिक्कारता है।

ताड़ना देता है, त्याग देता है परमेश्वर उन्हें।


2

परमेश्वर कार्य करता है उनमें, जो अनुसरण करते हैं उसके वचनों का।

वो काम करता है उनमें जो संजोते हैं उन्हें।

तुम जितना सहेजते हो उन्हें, उतना ही काम करता वो।

जितना सहेजता है इंसान परमेश्वर के वचनों को,

उतने ही ज़्यादा होते हैं पूर्णता पाने के उसके अवसर।

जो करते हैं सच्चा प्यार उसे, उसके सामने सुकून है जिनके दिलों में,

उन्हें ही पूर्ण करता है परमेश्वर।

अगर तुम संजोते हो परमेश्वर के सारे काम को,

संजोते हो उसकी प्रबुद्धता को,

अगर तुम संजोते हो परमेश्वर की मौजूदगी को,

संजोते हो उसकी सुरक्षा को,

अगर तुम संजोते हो परमेश्वर के सारे वचनों को,

अपनी हकीकत, अपने पोषण की तरह,

तो तुम परमेश्वर के दिल के मुताबिक हो।

अगर तुम संजोते हो ख़ुद पर किये परमेश्वर के काम को,

तो वो तुम्हें दुआ देगा, जो तुम्हारा है, वो बढ़ता रहेगा,

जो तुम्हारा है, वो बढ़ता रहेगा।


3

परमेश्वर के वचनों को अपनी हकीकत बनाने का प्रयास करो,

संतुष्ट करो उसे, उसके दिल के मुताबिक हो जाओ।

महज़ उसकी कृपा का आनंद लेने का प्रयास न करो।

ग्रहण करो परमेश्वर के कार्य को और पूर्णता पाओ।

उसकी इच्छा को पूरा करने वाले बनो।

इससे अहम कुछ भी नहीं।

अगर तुम संजोते हो परमेश्वर के सारे काम को,

संजोते हो उसकी प्रबुद्धता को,

अगर तुम संजोते हो परमेश्वर की मौजूदगी को,

संजोते हो उसकी सुरक्षा को,

अगर तुम संजोते हो परमेश्वर के सारे वचनों को,

अपनी हकीकत, अपने पोषण की तरह,

तो तुम परमेश्वर के दिल के मुताबिक हो।

अगर तुम संजोते हो ख़ुद पर किये परमेश्वर के काम को,

तो वो तुम्हें दुआ देगा, जो तुम्हारा है, वो बढ़ता रहेगा,

जो तुम्हारा है, वो बढ़ता रहेगा।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर उन्हें पूर्ण बनाता है, जो उसके हृदय के अनुसार हैं से रूपांतरित

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