258 मैं परमेश्वर से प्रेम करने को संकल्पित हूँ
हे ईश्वर, देख ली है मैंने
तेरी धार्मिकता और पवित्रता की सुंदरता।
सत्य खोजने को संकल्पित हूँ।
मैं तुझसे प्रेम करने को संकल्पित हूँ।
1
मेरी आत्मा की आँखें खोल तू,
अपने आत्मा से मेरे दिल को छू ले तू,
ताकि जो कुछ नकारात्मक है, दूर कर दूँ,
ताकि कोई चीज़ या इंसान बने न बाधा,
ताकि अपना दिल तेरे सामने खोल दूँ,
ख़ुद को तेरे आगे समर्पित कर दूँ।
तू जैसे चाहे मेरा इम्तहान ले,
मैं खुद को पूरी तरह तेरे हवाले करूं।
न भविष्य की चिंता मुझे,
न मौत का डर मुझे।
तुझे प्रेम करने वाले दिल से,
जीवन का मार्ग खोजूँ।
चाहे कुछ हो, मैं तुझे प्रेम करूँ।
चाहे कुछ हो, मैं तुझे हासिल करूँ।
आराम न करूँ, जब तक पा न लूँ तुझे,
मैं तुझसे प्रेम करने को संकल्पित हूँ।
2
हे ईश्वर, सबकुछ है तेरे हाथों में।
मेरी नियति, मेरा जीवन तेरे वश में।
मैं तेरे अनुसरण का संकल्प लेती हूँ,
पक्का इरादा मेरा तुझसे प्रेम करूं।
चाहे तू मुझे करने दे
या न करने दे तुझसे प्यार,
या कैसी भी बाधा डाले शैतान,
है पक्का इरादा सचमुच तुझसे प्रेम करूं।
न भविष्य की चिंता मुझे,
न मौत का डर मुझे।
तुझे प्रेम करने वाले दिल से,
जीवन का मार्ग खोजूँ।
चाहे कुछ हो, मैं तुझे प्रेम करूँ।
चाहे कुछ हो, मैं तुझे हासिल करूँ।
आराम न करूँ, जब तक पा न लूँ तुझे,
मैं तुझसे प्रेम करने को संकल्पित हूँ।
3
मैं तेरे अनुसरण को तैयार हूँ।
तू छोड़ दे मुझे भले,
पर तेरे पीछे आना चाहूँ।
तू चाहे न चाहे मुझे, मैं तुझे चाहूँ,
अंत में तुझे मैं ज़रूर पा लूँ।
मैं दिल दूँ तुझे, तू चाहे जो कर,
अनुसरण करूँ तेरा आजीवन।
चाहे कुछ हो, मैं तुझे प्रेम करूँ।
चाहे कुछ हो, मैं तुझे हासिल करूँ।
आराम न करूँ, जब तक पा न लूँ तुझे,
मैं तुझसे प्रेम करने को संकल्पित हूँ।
चाहे कुछ हो, मैं तुझे प्रेम करूँ।
चाहे कुछ हो, मैं तुझे हासिल करूँ।
आराम न करूँ, जब तक पा न लूँ तुझे,
मैं तुझसे प्रेम करने को संकल्पित हूँ।