139 परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के कार्य के बीच अंतर
1
जो काम ईश्वर स्वयं करे
वो जुड़ा है सारी मानवजाति से
और दर्शाए पूरे युग के काम को।
यानी ईश्वर का अपना काम
पवित्र आत्मा के काम के
गतिक और रुझान का प्रतिनिधित्व करे।
प्रेरितों का काम
आता है ईश-कार्य के बाद
और उसका अनुसरण करे,
वो युग की अगुआई न करे,
न ही पूरे युग में पवित्र आत्मा के
काम के रुझानों का प्रतिनिधित्व करे।
इंसान वही करते जो उन्हें करना चाहिए।
उसका ईश-प्रबंधन से कुछ लेना-देना नहीं।
जो काम ईश्वर स्वयं करे
वो है उसके प्रबंधन-कार्य की परियोजना।
जो काम इंसान करते
वो बस इस्तेमाल किए जाने वालों का कर्तव्य है,
वो प्रबंधन-कार्य का अंग नहीं है,
वो प्रबंधन-कार्य का अंग नहीं है।
2
ये सही है कि दोनों ही काम
पवित्र आत्मा के हैं,
लेकिन अंतर है उनकी पहचान में,
वे जिसका प्रतिनिधित्व करते उसमें,
तभी ईश्वर और इंसान का काम
बिल्कुल अलग हैं एक-दूसरे से।
पवित्र आत्मा के काम की सीमा
भिन्न पहचान वाली वस्तुओं के अनुसार बदले।
ये दायरे और सिद्धांत हैं
पवित्र आत्मा के काम के।
जो काम ईश्वर स्वयं करे
वो है उसके प्रबंधन-कार्य की परियोजना।
जो काम इंसान करते
वो बस इस्तेमाल किए जाने वालों का कर्तव्य है,
वो प्रबंधन-कार्य का अंग नहीं है,
वो प्रबंधन-कार्य का अंग नहीं है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का कार्य से रूपांतरित