225 यीशु के प्रति फ़रीसियों के विरोध का मूल कारण
क्या तुम लोग फरीसियों का सार जानते?
उनके द्वारा यीशु के विरोध का कारण जानते?
इसका कारण थीं मसीहा को लेकर,
उनके मन में भरी कल्पनाएँ।
1
इसके अलावा, फरीसियों को
विश्वास था कि मसीहा आएगा,
फिर भी उन्होंने जीवन के
सत्य का अनुसरण नहीं किया।
अब भी वे मसीहा का इंतज़ार करते,
क्योंकि वे जीवन का मार्ग नहीं जानते,
सत्य के मार्ग का उन्हें कोई ज्ञान नहीं।
क्या तुम लोगों को लगे ऐसे अज्ञानी,
मूर्ख और जिद्दी लोग ईश्वर के आशीष पा सकते हैं?
ऐसे लोगों को मसीहा कैसे दिख सकता है?
2
उन्होंने यीशु का विरोध इसलिए किया,
क्योंकि उन्हें पवित्र आत्मा के कार्य
और दिशा के बारे में कुछ नहीं पता था,
यीशु सत्य के जिस मार्ग के बारे में बोलता था
वो उनके लिए पूरी तरह अनजाना था,
वे मसीहा को ज़रा भी नहीं समझते थे।
उन्होंने कभी मसीहा को देखा नहीं था,
न उसके साथ रहे थे,
इसलिए वे बस उसके नाम से चिपके थे,
हर तरह से उसके सार का विरोध करते थे।
फरीसी सत्य का पालन नहीं करते थे,
उनका सार अहंकारी और अड़ियल था।
ईश्वर में उनके विश्वास का सिद्धान्त था
तुम्हारी शिक्षा कितनी भी गहन हो,
तुम्हारे अधिकार का स्तर जो भी हो;
अगर तुम्हारा नाम "मसीहा" नहीं, तो तुम मसीह नहीं।
3
क्या ये हँसी के योग्य नहीं?
क्या तुम भी फरीसियों जैसी गलती कर सकते,
क्योंकि तुम यीशु को ज़रा भी नहीं समझते?
क्या तुम सत्य का मार्ग जानते?
क्या तुम्हें यकीन है, मसीह का विरोध नहीं करोगे?
क्या तुम पवित्र आत्मा के कार्य का अनुसरण कर सकते?
अगर नहीं जानते
कि तुम मसीह का विरोध करोगे या नहीं,
तो जैसा कि ईश्वर कहता है
तुम पहले ही मौत के कगार पर जी रहे हो।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जब तक तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देखोगे, परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नया बना चुका होगा से रूपांतरित