224 जो सत्य नहीं स्वीकारते वे उद्धार के लायक नहीं हैं

1

सत्य और जीवन के वचनों को सुनते हुए,

शायद तुम सोचो कि इन हजारों वचनों में से,

बाइबल और तुम्हारे विचारों से, बस एक ही वचन मेल खाता है,

इस दस हजारवें वचन में खोजते रहो।

परमेश्वर सलाह देता है, विनम्र बनो, न बनो अति-आत्मविश्वासी

स्वयं को ऊँचा न उठाओ।

जो तुम साफ़ कहे गये सत्य को स्वीकार न कर पाओ

तो क्या तुम परमेश्वर के उद्धार के अयोग्य नहीं?

परमेश्वर के सिंहासन के आगे लौट न पाओ,

क्या तुम ऐसे बदकिस्मत नहीं? क्या तुम ऐसे बदकिस्मत नहीं?


2

परमेश्वर के प्रति ऐसी थोड़ी सी श्रद्धा रख कर भी,

तुम पाओगे रोशनी बड़ी, रोशनी बड़ी।

जो इन वचनों पर मनन करोगे,

तुम देख पाओगे कि ये सत्य और जीवन हैं या नहीं।

अंत के दिनों में झूठे मसीहाओं के कारण

आँखें मूंदे परमेश्वर के वचनों की निंदा न करो।

कहीं भटक न जाओ इस डर से, पवित्रात्मा की ईशनिंदा न करो।


3

बहुत खोजने और जाँचने के बाद भी, अगर लगता है तुम्हें अभी भी

कि ये वचन परमेश्वर की अभिव्यक्ति, या सत्य और जीवन नहीं,

तो रहोगे तुम बिन आशीष के, दंडित किये जाओगे निश्चय ही, निश्चय ही।

जो तुम साफ़ कहे गये सत्य को स्वीकार न कर पाओ

तो क्या तुम परमेश्वर के उद्धार के अयोग्य नहीं?

परमेश्वर के सिंहासन के आगे लौट न पाओ, क्या तुम ऐसे बदकिस्मत नहीं?

क्या तुम ऐसे बदकिस्मत नहीं? क्या तुम ऐसे बदकिस्मत नहीं?


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जब तक तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देखोगे, परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नया बना चुका होगा से रूपांतरित

पिछला: 223 सत्य के प्रति तुम्हारा रवैया अति महत्वपूर्ण है

अगला: 225 यीशु के प्रति फ़रीसियों के विरोध का मूल कारण

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

420 सच्ची प्रार्थना का प्रभाव

1ईमानदारी से चलो,और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे, गहरे छल से छुटकारा पाओगे।प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;प्रार्थना करो,...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें