523 परमेश्वर के वचनों का पालन करो तो तुम कभी राह से नहीं भटकोगे

1 परमेश्वर उम्मीद करता है कि तुम लोग स्वतंत्र रूप से खा और पी सको, तुम हमेशा परमेश्वर की उपस्थिति की रोशनी में रह सको, तुम अपने जीवन में कभी भी परमेश्वर के वचनों से दूर नहीं होगे; तभी तुम परमेश्वर के वचनों से संतृप्त किये जा सकते हो। तुम्हारे प्रत्येक वचन और कर्म में, परमेश्वर के वचन निश्चित रूप से आगे जाने में तुम्हारा मार्गदर्शन करेंगे। अगर तुम सच में इस स्तर तक परमेश्वर के करीब जाते हो, और निरंतर परमेश्वर के साथ संगति कर सकते हो, तो तुम्हारा कोई भी काम उलझन में नहीं ख़त्म होगा या तुम्हें दिशाहीन नहीं छोड़ेगा। तुम निश्चित रूप से परमेश्वर को अपने साथ पाओगे, तुम हमेशा परमेश्वर के वचन के अनुसार कार्य करने में सक्षम होगे।

2 किसी भी व्यक्ति, घटना और चीज का सामना होने पर परमेश्वर के वचन किसी भी समय तुम्हारे सामने प्रकट होंगे, उसके इरादों के अनुरूप कार्य करने के लिए तुम्हारा मार्गदर्शन करेंगे और तुम जो भी करते हो, उसमें उसके वचनों का पालन करो। परमेश्वर के वचन तुम्हारे हर कार्य में तुम्हें आगे ले जाएँगे; तुम कभी भी रास्ते से नहीं भटकोगे और तुम एक नई रोशनी में रह सकोगे, तुम्हें कहीं अधिक और नया प्रबोधन मिलेगा। क्या करना है, इस पर विचार करने के लिये तुम इंसानी धारणाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकते; तुम्हें परमेश्वर के वचनों के मार्गदर्शन के प्रति समर्पण करना चाहिए, तुम्हारे पास स्पष्ट हृदय होना चाहिए, परमेश्वर के सामने शांत रहना चाहिए और गहराई से विचार करना चाहिये। जिस बात को तुम समझते नहीं हो, उसके समाधान खोजने में हड़बड़ी मत करो; ऐसी बातों को अक्सर परमेश्वर के समक्ष लेकर जाओ और उसे सच्चा दिल अर्पित करो।

3 विश्वास करो कि परमेश्वर तुम्हारा सर्वशक्तिमान है। तुम्हारे मन में परमेश्वर के लिए तीव्र आकांक्षा होनी चाहिए, तुम्हें शैतान के बहानों, इरादों और चालों को अस्वीकार करते हुए उत्सुकता से खोज करनी चाहिये। निराश मत हो। कमज़ोर मत बनो। पूरे दिल से खोज करो; पूरे दिल से इंतजार करो। परमेश्वर के साथ सक्रिय सहयोग करो और अपनी आंतरिक बाधाओं से छुटकारा पाओ।

—परमेश्‍वर की संगति से रूपांतरित

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