147 सभी प्राणी सर्जक के प्रभुत्व में लौटेंगे
शुरू से अब तक, केवल ईश्वर ही तीनों चरणों का कार्य कर सकता था,
और कोई इंसान उसकी जगह ऐसा कार्य नहीं कर सकता।
1
ईश-कार्य के अंत में वो प्रकार अनुसार सबके वर्ग बनाएगा।
सर्जक ने इंसान को बनाया और उसे पूरी तरह लेना होगा
वापस अपने प्रभुत्व में; इस तरह ईश्वर कार्य के तीन चरण पूरे करेगा।
जब ये कार्य पूरा होगा, सब धर्म एक हो जाएँगे,
सभी प्राणी सर्जक के प्रभुत्व में लौट आएँगे,
और वे सब एक ही सच्चे ईश्वर को पूजेंगे।
किसी दुष्ट धर्म का अस्तित्व न होगा,
और फिर कभी नहीं लौटेंगे, नहीं लौटेंगे, नहीं लौटेंगे।
2
कार्य का अंतिम चरण, और इस्राएल और यहूदा में
पहले के दो चरण, ईश्वर की प्रबंधन-योजना हैंं पूरे ब्रह्मांड में।
ईश-कार्य का ये तथ्य कोई न नकार सके।
हालाँकि नहीं देखा उन्होंने
या ज्यादा अनुभव नहीं किया इस कार्य का,
लेकिन तथ्य तो तथ्य हैं, जिसे कोई इंसान न नकार सके।
जब ये कार्य पूरा होगा, सब धर्म एक हो जाएँगे,
सभी प्राणी सर्जक के प्रभुत्व में लौट आएँगे,
और वे सब एक ही सच्चे ईश्वर को पूजेंगे।
किसी दुष्ट धर्म का अस्तित्व न होगा, फिर कभी नहीं लौटेंगे।
3
गर तुम कार्य का एक ही चरण जानो,
और अन्य दो चरण नहीं समझो, न ही अतीत के ईश-कार्य को,
तो तुम ईश-प्रबंधन-योजना का सत्य नहीं बता सकते।
तब तुम्हारा ईश-ज्ञान इकतरफ़ा है।
तुम विश्वास तो करते पर उसे समझते नहीं,
इसलिए तुम ईश-गवाही देने योग्य नहीं।
इन चीजों का ज्ञान तुम्हारा गहरा हो या उथला,
पर अंत में तुम्हें यकीन होना चाहिए,
और सभी देखेंगे ईश्वर का संपूर्ण कार्य
और उसके प्रभुत्व के अधीन हो जाएँगे।
जब ये कार्य पूरा होगा, सब धर्म एक हो जाएँगे,
सभी प्राणी सर्जक के प्रभुत्व में लौट आएँगे,
और वे सब एक ही सच्चे ईश्वर को पूजेंगे।
किसी दुष्ट धर्म का अस्तित्व न होगा।
फिर कभी नहीं लौटेंगे।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों को जानना ही परमेश्वर को जानने का मार्ग है से रूपांतरित