आपकी गवाही है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु की वापसी हैं, यह असंभव है! बाइबल कहती है: "उन दिनों के क्लेश के तुरन्त बाद सूर्य अन्धियारा हो जाएगा, और चन्द्रमा का प्रकाश जाता रहेगा, और तारे आकाश से गिर पड़ेंगे और आकाश की शक्तियाँ हिलाई जाएँगी। तब मनुष्य के पुत्र का चिह्न आकाश में दिखाई देगा, और तब पृथ्वी के सब कुलों के लोग छाती पीटेंगे; और मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ्य और ऐश्वर्य के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे" (मत्ती 24:29-30)। अगर प्रभु वाकई लौट आते तो वो पूरी शानोशौकत के साथ बादलों पर सवार होकर आते। और फिर, स्वर्ग और धरती काँप जाते, चाँद और सूरज रोशनी देना बंद कर देते। अब तक ऐसा तो कुछ दिखा नहीं, फिर वे ऐसा कैसे कह सकते हैं कि प्रभु लौट आए हैं। आख़िर ये सब है क्या?
उत्तर: तब मुझे पता लगा कि प्रभु के आने का इंतज़ार करके हमने भी वही भूल की है। उस भविष्यवाणी के आधार पर कि प्रभु बादलों पर सवार होकर आएंगे, हम बस इंतज़ार कर रहे हैं। लेकिन हमने प्रभु के आगमन की बाकी भविष्यवाणियों को नज़रंदाज़ कर दिया। ये हमारी भारी भूल है! प्रभु के आगमन के बारे में बाइबल के बहुत से अंशों में भविष्यवाणी की गई है। जैसे प्रभु की ये भविष्यवाणियां: "देख, मैं चोर के समान आता हूँ" (प्रकाशितवाक्य 16:15)। "आधी रात को धूम मची: देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो" (मत्ती 25:6)। "देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)। "क्योंकि जैसे बिजली आकाश के एक छोर से कौंध कर आकाश के दूसरे छोर तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में प्रगट होगा। परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ" (लूका 17:24-25)। ये भविष्यवाणियां प्रभु के "एक चोर के रूप में", मनुष्य के पुत्र के रूप में के आने का उल्लेख करती हैं; इनमें लिखा है द्वार खटखटाते समय वो लोगों से बात करते हैं, वगैरह-वगैरह। क्या इससे पता नहीं चलता कि जब प्रभु के आगमन की बात आती है, तो लोगों के बीच उनके बादलों पर आने के अलावा, वो गुप्त रूप से भी आएंगे? अगर हम ये मानें कि प्रभु सिर्फ़ बादलों पर सवार होकर आएंगे तो, उनके गुप्त रुप से आने वाली भविष्यवाणी कैसे पूरी होगी? ज़रा इस पर भी सोचो। जब प्रभु बादलों पर सवार होकर आएंगे तो बहुत सारे संकेत दिखाई देंगे। चांद और सूरज चमकना बंद कर देंगे, सितारे आसमान से टूटकर जाएंगे और स्वर्ग और धरती कांप उठेंगे। वो नज़ारा धरती को हिलाकर रख देगा, हर व्यक्ति इसे देखेगा और सबको पता चल जाएगा। तो फिर वो भविष्यवाणी कैसे पूरी होगी कि प्रभु "एक चोर के रूप में" आएंगे और बाहर खड़े होकर दरवाज़ा खटखटाएंगे। जब प्रभु बादलों पर आएंगे तो सब लोग देखेंगे। क्या किसी को गवाही देने की ज़रूरत पड़ेगी: "दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो"? प्रभु ने ये भी कहा: "परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ।" वो भविष्यवाणी कैसे पूरी होगी? बाइबल में और भी बहुत-सी भविष्यवाणियां हैं कि जब अंत के दिनों में प्रभु आएंगे तो वो कुछ काम पूरा करेंगे। जैसे, न्याय का कार्य परमेश्वर के लोगों से शुरू होगा। वो हिसाब का कच्चा चिट्ठा खोलेंगे और उसकी सात मोहरें तोड़ेंगे, फसल की कटाई और ओसाई भी करेंगे, लोगों को उनकी किस्म के अनुसार अलग-अलग करेंगे, जैसे कि भेड़ों को बकरियों से अलग करना, गेहूं से खरपतवार को अलग करना, अच्छे सेवकों को बुरे सेवकों से अलग करना। अगर प्रभु पूरी शानो-शौकत से सफेद बादल पर सवार होकर आते हैं और हर कोई उन्हें देखता है, तो वो निश्चित तौर पर लोगों के सामने प्रकट होने वाला प्रभु यीशु का पुनर्जीवित आध्यात्मिक शरीर होगा, तो क्या हर कोई उनके कदमों पर गिरकर उनकी आज्ञा का पालन और उनका अनुसरण नहीं करेगा? उन्हें कौन रोकेगा? ऐसी स्थिति में भेड़ों को बकरियों से और अच्छे सेवकों को दुष्ट सेवकों से कैसे अलग किया जा सकेगा? कटाई और ओसाई का काम कैसे होगा? बाइबल में अंत के दिनों में प्रभु के आगमन के बारे में बहुत-सी भविष्यवाणियाँ हैं। अगर हम बाकी भविष्यवाणियों को छोड़ दें, लेकिन बाइबल के एक या दो अंशों के आधार पर, प्रभु के आगमन को सफेद बादलों पर आने तक सीमित करना, क्या ये बात थोड़ी एकतरफ़ा नहीं लगती? शायद इस तरह से तो हम उनके आगमन के स्वागत में चूक जाएंगे और शायद वो हमें अस्वीकार कर दें।
बाइबल की भविष्यवाणी है कि प्रभु "चोर के रूप में" आएंगे, "आधी रात को धूम मची: देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो" (मत्ती 25:6)। "परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ" (लूका 17:25)। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकटन और कार्य ने उन भविष्यवाणियों को पूरा कर दिया है। बाहर से वे बस एक सामान्य इंसान की तरह दिखते हैं। वे सामान्य इंसानों की तरह बात करते हैं। ये बात कौन सोच सकता है कि वे प्रभु का प्रकटन और कार्य हैं। इससे प्रभु के "चोर के रूप में" वापस आने की भविष्यवाणी पूरी हो जाती है। "यदि तू जागृत न रहेगा तो मैं चोर के समान आ जाऊँगा" (प्रकाशितवाक्य 3:3)। ये भविष्यवाणी सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और अचानक हर पंथ और में फैल जाने की ओर इशारा करती है, एक चोर की तरह – किसी को भी पता नहीं चला होगा। उनके प्रचारक उन सभी लोगों के सामने परमेश्वर के वचनों की गवाही देते हैं जो परमेश्वर के प्रकटन की खोज में लगे हैं, और जो धैर्य से सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों की संगति करते हैं। ये प्रभु का द्वार खटखटाना है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और कार्य करने के समय से ही, चीनी सरकार लगातार उन पर अत्याचार करती रही है और बुरी तरह से उनका पीछा करती रही है, और उन्होंने धार्मिक जगत के ज़बर्दस्त विरोध, निंदा और अस्वीकृति को झेला है। अनेक दुरात्माओं और राक्षसों ने तो खुले तौर पर इंटरनेट के ज़रिए सर्वशक्तिमान परमेश्वर पर हमला किया है, उनकी निंदा की है, और उनका तिरस्कार किया है। इससे प्रभु की ये भविष्यवाणी पूरी हो जाती है: "परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ।" जैसा कि लोग सोचते हैं कि प्रभु सबके सामने बादलों पर सवार होकर आएंगे, तो निश्चित तौर पर खरपतवार, बकरियां, बुरे सेवक और मसीह-विरोधी, सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार करने के लिये उनके पैरों पर गिर कर उनकी आराधना करेंगे। फिर उनको उजागर कैसे किया जाएगा? मुझे तो लगता है, सीसीपी के राक्षस और सभी नास्तिक भी सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार कर लेंगे। तो क्या पूरी दुनिया में हंगामा नहीं मच जाएगा? फिर परमेश्वर के अंत के दिनों का कार्य कैसे पूरा होगा? इसलिये प्रभु यीशु द्वारा व्यक्त की गई ये भविष्यवाणियां तो तभी पूरी हो सकती हैं जब परमेश्वर मनुष्य के पुत्र के रूप में देहधारण कर अपना कार्य पूरा करें, इसमें प्रभु के अंत के दिनों में लौटने के बाद के कार्य भी शामिल हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर मानव जाति को शुद्ध करने और बचाने के लिये आये हैं और उन्होंने सभी सत्य व्यक्त किया है, और वे अंत के दिनों में न्याय का कार्य कर रहे हैं। उनकी भेड़ें उनकी वाणी सुनती हैं, और हर पंथ और संप्रदाय की बुद्धिमान कुवांरियाँ सर्वशक्तिमान परमेश्वर के व्यक्त किये गए वचनों को सुनती हैं और जानती हैं कि वे सत्य हैं, परमेश्वर की वाणी हैं, और वे सबकी सब सर्वशक्तिमान परमेश्वर की ओर मुड़ गई हैं ये स्वर्गारोहण है। परमेश्वर के सिंहासन के सामने इन लोगों का स्वर्गारोहण हुआ है, और मसीह की न्यायपीठ के सामने इनको न्याय और ताड़ना की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा है। ये वो लोग हैं जिन्हें परमेश्वर ने सबसे पहले शुद्ध किया है, विजेता बनाया है, और जो पहले फल बने हैं। इससे प्रकाशित-वाक्य की यह भविष्यवाणी पूरी होती है: "ये वे हैं जो स्त्रियों के साथ अशुद्ध नहीं हुए, पर कुँवारे हैं; ये वे ही हैं कि जहाँ कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं; ये तो परमेश्वर के निमित्त पहले फल होने के लिये मनुष्यों में से मोल लिए गए हैं। उनके मुँह से कभी झूठ न निकला था, वे निर्दोष हैं" (प्रकाशितवाक्य 14:4-5)। जब परमेश्वर गुप्त रुप से आ जाएंगे और विजेताओं का समूह बना लेंगे तो उनका महान कार्य पूरा हो जाएगा। उसके बाद वो बादलों पर सवार होकर सभी देशों में सबके सामने प्रकट होंगे। और तब प्रभु के लौटने की वो बड़ी घटनाएं, जिनकी तुम चर्चा कर रहे हो, साकार होंगी। और तब प्रकाशितवाक्य की यह भविष्यवाणी पूरी हो जाएगी: "देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे" (प्रकाशितवाक्य 1:7)। ये प्रभु का सबके सामने बादलों पर सवार होकर आने का दृश्य होगा, और सब उन्हें देख पाएंगे। और जो कुछ लोगों ने उनका विरोध किया था, उनकी निंदा की थी, वे भी सर्वशक्तिमान परमेश्वर को बादलों पर सवार होकर आते देखेंगे। इसीलिये "पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे।" बुनियादी तौर पर प्रभु के लौटने की सभी भविष्यवाणियां अब पूरी हो चुकी हैं। केवल एक भविष्यवाणी पूरी होनी बची है कि आपदा के बाद वे खुले तौर पर बादलों पर सवार होकर आएंगे।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "बहुत से लोगों को शायद इसकी परवाह न हो कि मैं क्या कहता हूँ, किंतु मैं ऐसे हर तथाकथित संत को, जो यीशु का अनुसरण करते हैं, बताना चाहता हूँ कि जब तुम लोग यीशु को एक श्वेत बादल पर स्वर्ग से उतरते अपनी आँखों से देखोगे, तो यह धार्मिकता के सूर्य का सार्वजनिक प्रकटन होगा। शायद वह तुम्हारे लिए एक बड़ी उत्तेजना का समय होगा, मगर तुम्हें पता होना चाहिए कि जिस समय तुम यीशु को स्वर्ग से उतरते देखोगे, यही वह समय भी होगा जब तुम दंडित किए जाने के लिए नीचे नरक में जाओगे। वह परमेश्वर की प्रबंधन योजना की समाप्ति का समय होगा, और वह समय होगा, जब परमेश्वर सज्जन को पुरस्कार और दुष्ट को दंड देगा। क्योंकि परमेश्वर का न्याय मनुष्य के देखने से पहले ही समाप्त हो चुका होगा, जब सिर्फ़ सत्य की अभिव्यक्ति होगी। वे जो सत्य को स्वीकार करते हैं और संकेतों की खोज नहीं करते और इस प्रकार शुद्ध कर दिए गए हैं, वे परमेश्वर के सिंहासन के सामने लौट चुके होंगे और सृष्टिकर्ता के आलिंगन में प्रवेश कर चुके होंगे। सिर्फ़ वे जो इस विश्वास में बने रहते हैं कि 'ऐसा यीशु जो श्वेत बादल पर सवारी नहीं करता, एक झूठा मसीह है' अनंत दंड के अधीन कर दिए जाएँगे, क्योंकि वे सिर्फ़ उस यीशु में विश्वास करते हैं जो संकेत प्रदर्शित करता है, पर उस यीशु को स्वीकार नहीं करते, जो कड़े न्याय की घोषणा करता है और जीवन का सच्चा मार्ग बताता है। इसलिए केवल यही हो सकता है कि जब यीशु खुलेआम श्वेत बादल पर वापस लौटे, तो वह उनके साथ निपटे। वे बहुत हठधर्मी, अपने आप में बहुत आश्वस्त, बहुत अभिमानी हैं। ऐसे अधम लोग यीशु द्वारा कैसे पुरस्कृत किए जा सकते हैं? यीशु की वापसी उन लोगों के लिए एक महान उद्धार है, जो सत्य को स्वीकार करने में सक्षम हैं, पर उनके लिए जो सत्य को स्वीकार करने में असमर्थ हैं, यह दंडाज्ञा का संकेत है। तुम लोगों को अपना स्वयं का रास्ता चुनना चाहिए, और पवित्र आत्मा के ख़िलाफ़ निंदा नहीं करनी चाहिए और सत्य को अस्वीकार नहीं करना चाहिए। तुम लोगों को अज्ञानी और अभिमानी व्यक्ति नहीं बनना चाहिए, बल्कि ऐसा बनना चाहिए, जो पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन का पालन करता हो और सत्य की खोज के लिए लालायित हो; सिर्फ़ इसी तरीके से तुम लोग लाभान्वित होगे" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जब तक तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देखोगे, परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नया बना चुका होगा)।
"तड़प" फ़िल्म की स्क्रिप्ट से लिया गया अंश
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?