321 परमेश्वर उन्हें कैसे माफ़ कर सकता है जो उसके वचनों को त्याग देते हैं?

1 जब मैंने स्वर्ग का विस्तार किया और सभी चीज़ों का सृजन किया, तो मैंने किसी भी प्राणी को उसके मन मुताबिक़ भाग लेने की अनुमति नहीं दी, किसी भी चीज़ को उसके हिसाब से मेरे कार्य और मेरे प्रबंधन में गड़बड़ करने की अनुमति तो बिल्कुल नहीं दी। मैंने किसी भी मनुष्य या वस्तु को सहन नहीं किया; मैं कैसे उन लोगों को छोड़ सकता हूँ, जो मेरे प्रति निर्दयी और क्रूर और अमानवीय हैं? मैं कैसे उन लोगों को क्षमा कर सकता हूँ, जो मेरे वचनों के ख़िलाफ़ विद्रोह करते हैं? मैं कैसे उन्हें छोड़ सकता हूँ, जो मेरी अवज्ञा करते हैं? यदि तुम मुझ यहोवा के प्रति वफादार होते, तो क्या तुम मेरी वेदी से बलिदानों को अपने लिए ले सकते थे? क्या तुम मेरे पवित्र नाम की ईशनिंदा के लिए अपनी विषैली ज़ुबान का उपयोग कर सकते थे? क्या तुम इस प्रकार मेरे वचनों के विरुद्ध विद्रोह कर सकते थे? क्या तुम मेरी महिमा और पवित्र नाम को, एक दुष्ट, शैतान की सेवा के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग कर सकते थे?

2 मेरा जीवन पवित्र लोगों के आनंद के लिए प्रदान किया जाता है। मैं तुम्हें कैसे अपने जीवन के साथ तुम्हारी इच्छानुसार खेलने और तुम लोगों के बीच के संघर्ष में इसे एक उपकरण के रूप में उपयोग करने की इजाज़त दे सकता हूँ? तुम लोग अच्छाई के मार्ग में इतने निर्दयी और इतने अभावग्रस्त कैसे हो सकते हो, जैसे तुम मेरे प्रति हो? क्या तुम लोग नहीं जानते कि मैंने पहले ही तुम लोगों की बुरी करतूतों को जीवन के इन वचनों में लिख दिया है? जब मैं मिस्र को ताड़ना देता हूँ, तब तुम लोग कोप के दिन से कैसे बच सकते हो? कैसे तुम लोगों को इस तरह बार-बार अपना विरोध और अनादर करने की अनुमति दे सकता हूँ? मेरी सहनशीलता तुम लोगों की बुरी करतूतों के लिए तैयार की गई थी और उस दिन तुम लोगों की ताड़ना के लिए मौजूद है। एक बार जब मेरी सहनशीलता चुक गई, तो क्या तुम लोग वह नहीं होगे जो कुपित न्याय भुगतेंगे?

3 क्या सभी चीज़ें मुझ सर्वशक्तिमान के हाथों में नहीं हैं? मैं कैसे इस प्रकार स्वर्ग के नीचे तुम लोगों को अपनी अवज्ञा की अनुमति दे सकता हूँ? तुम लोगों का जीवन अत्यंत कठोर होगा क्योंकि तुम मसीहा से मिल चुके हो, जिसके बारे में कहा गया था कि वह आएगा, फिर भी जो कभी नहीं आया। क्या तुम लोग उसके शत्रु नहीं हो? यीशु तुम लोगों का मित्र रहा है, फिर भी तुम लोग मसीहा के शत्रु हो। क्या तुम लोग नहीं जानते कि यद्यपि तुम लोग यीशु के मित्र हो, पर तुम लोगों की बुरी करतूतों ने उन लोगों के पात्रों को भर दिया है, जो घृणा योग्य हैं? यद्यपि तुम लोग यहोवा के बहुत करीबी हो, पर क्या तुम लोग नहीं जानते कि तुम लोगों के बुरे वचन यहोवा के कानों तक पहुँच गए हैं और उन्होंने उसके क्रोध को भड़का दिया है? वह तुम्हारा करीबी कैसे हो सकता है, और वह कैसे तुम्हारे उन पात्रों को नहीं जला सकता, जो बुरी करतूतों से भरे हुए हैं? कैसे वह तुम्हारा शत्रु नहीं हो सकता?

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, कोई भी जो देह में है, कोप के दिन से नहीं बच सकता से रूपांतरित

पिछला: 320 परमेश्वर की नज़रों में तुम्हारी बातें और तुम्हारे कर्म मैले हैं

अगला: 322 परमेश्वर इंसान से क्या पाता है?

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

420 सच्ची प्रार्थना का प्रभाव

1ईमानदारी से चलो,और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे, गहरे छल से छुटकारा पाओगे।प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;प्रार्थना करो,...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें