320 परमेश्वर की नज़रों में तुम्हारी बातें और तुम्हारे कर्म मैले हैं

1 मैंने इस तरह से तुम लोगों के बीच कार्य किया और बात की है, मैंने बहुत सारी ऊर्जा व्यय की और प्रयास किए हैं, फिर भी तुम लोगों ने कब वह सुना है, जो मैं तुम लोगों से सीधे तौर पर कहता हूँ? तुम लोग कहाँ मुझ सर्वशक्तिमान के सामने झुके हो? तुम लोग मुझसे ऐसा व्यवहार क्यों करते हैं? क्यों जो तुम लोग कहते और करते हो, वह मेरा क्रोध भड़काता है? क्या तुम लोग नहीं जानते कि जब तुम लोगों ने मेरे बलिदानों को चुराया और मेरी चीज़ों के लिए लालायित हुए, तभी तुम लोग मेरी आँखों द्वारा पहले ही देखे जा चुके थे? क्या तुम लोग नहीं जानते कि जब तुम लोगों ने मेरे बलिदान चुराए, तो यह उस वेदी के सामने किया, जिस पर बलिदान चढ़ाए जाते हैं? तुमने कैसे मान लिया कि तुम इतने चालाक हो कि मुझे इस तरह से धोखा दे सकोगे? तुम लोगों की बुरी करतूतें मेरे प्रकोप से कैसे बच सकती हैं? मेरा प्रचंड क्रोध कैसे तुम लोगों के बुरे कामों को नज़रंदाज़ कर सकता है? कैसे तुम लोगों की बुरी करतूतें और बुरे वचन मेरी ताड़ना से बच सकते हैं?

2 मेरी, सर्वशक्तिमान की नज़रों में, तुम लोगों के वचन और कार्य दोनों ही गंदे हैं। मेरी, सर्वशक्तिमान की नज़रें, तुम लोगों की अधार्मिकता को एक निर्मम ताड़ना के रूप में देखती हैं। कैसे मेरी धार्मिक ताड़ना और न्याय तुम लोगों से दूर जा सकती है? क्योंकि तुम लोग मेरे साथ ऐसा करते हो, मुझे दुःखी और कुपित करते हो, तो मैं कैसे तुम लोगों को अपने हाथों से बचकर जाने दे सकता हूँ और उस दिन से दूर होने दे सकता हूँ जब मैं, तुम लोगों को ताड़ना और शाप दूँगा? क्या तुम लोग नहीं जानते कि तुम लोगों ने बहुत पहले से ही मुझे अति कुपित कर रखा है और बहुत समय पहले ही मेरे धैर्य को आज़मा चुके हो? क्या तुम नहीं जानते कि तुम लोग मेरी देह के टुकड़े करके उसे पहले ही नष्ट कर चुके हो? मैंने अब तक इतना सहा है कि मैं तुम लोगों के प्रति अब और सहिष्णु नहीं होता और अपना क्रोध प्रकट करता हूँ। आज तुम लोग कैसे इतने कठोर और ज़िद्दी बने रह सकते हो, इतना कि जैसे तुम्हारे हृदयों के ऊपर घट्टे उग आए हों? वह दुष्टता जो तुम आज करते हो, कैसे उस कोप के दिन से बच सकती है, जो पृथ्वी से मेरे जाने के बाद आएगा?

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, कोई भी जो देह में है, कोप के दिन से नहीं बच सकता से रूपांतरित

पिछला: 319 मनुष्य के शब्द और कर्म परमेश्वर के दहन से नहीं बच सकते

अगला: 321 परमेश्वर उन्हें कैसे माफ़ कर सकता है जो उसके वचनों को त्याग देते हैं?

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

420 सच्ची प्रार्थना का प्रभाव

1ईमानदारी से चलो,और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे, गहरे छल से छुटकारा पाओगे।प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;प्रार्थना करो,...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें