478 परमेश्वर के वचनों के प्रति कैसा दृष्टिकोण अपनायें

1

मैंने दी हैं तुम सबको कई चेतावनी। दिये सत्य ताकि जीत सकूँ तुम्हें।

न शक करो, न छोड़ो मेरे वचनों को; यह मुझे बर्दाश्त नहीं।

मुझपे और मेरे वचनों पर तुम्हें शक है,

कभी स्वीकारते नहीं, तुम मेरी बातों को।

इसलिए मैं कहता हूँ तुमसे, बड़ी गंभीरता से:

झूठ या फ़लसफ़े से कभी मेरे वचनों को जोड़ना नहीं,

कभी नफ़रत भरी नज़रों से मेरे वचनों को देखना नहीं।


मेरी ये आशा है कि तुम सब सच जानो उसे जो मैंने कहा,

और समझो उस गहरे अर्थ को, जो मेरे वचनों में छिपा।


2

न परखो, न हल्के में लो मेरे वचनों को, मैं बहकाता तुम्हें, ये न कहो,

न कहो कि मेरे वचन सही नहीं, क्योंकि ऐसी बातें मैं माफ़ करूंगा नहीं।

मुझपे और मेरे वचनों पर तुम्हें शक है,

कभी स्वीकारते नहीं, तुम मेरी बातों को।

इसलिए मैं कहता हूँ तुमसे, बड़ी गंभीरता से:

झूठ या फ़लसफ़े से कभी मेरे वचनों को जोड़ना नहीं,

कभी नफ़रत भरी नज़रों से मेरे वचनों को देखना नहीं।


मेरी ये आशा है कि तुम सब सच जानो उसे जो मैंने कहा,

और समझो उस गहरे अर्थ को, जो मेरे वचनों में छिपा।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, अपराध मनुष्य को नरक में ले जाएँगे से रूपांतरित

पिछला: 477 परमेश्वर के वचनों को अपने आचरण का आधार बनाओ

अगला: 479 परमेश्वर के वचनों के प्रति इंसान का जो रवैया होना चाहिए

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें