160 व्यावहारिक परमेश्वर को कैसे जानें
1 तुम्हें व्यावहारिक परमेश्वर के बारे में क्या पता होना चाहिए? पवित्रात्मा, व्यक्ति और वचन स्वयं व्यावहारिक परमेश्वर को बनाते हैं; और यही स्वयं व्यावहारिक परमेश्वर का वास्तविक अर्थ है। व्यावहारिक परमेश्वर संबंधी ज्ञान में उसके वचनों को जानना और अनुभव करना, पवित्रात्मा के कार्य के नियमों और सिद्धांतों को समझना, और परमेश्वर के पवित्रात्मा द्वारा देह में कार्य करने के तरीके को समझना शामिल है। इसमें यह जानना भी शामिल है कि देह में परमेश्वर का हर कार्य पवित्रात्मा द्वारा नियंत्रित होता है, और उसके द्वारा बोले जाने वाले वचन पवित्रात्मा की प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति हैं। इस प्रकार, व्यावहारिक परमेश्वर को जानने के लिए यह जानना सर्वोपरि है कि परमेश्वर मानवता और दिव्यता में कैसे कार्य करता है; जिसके परिणामस्वरूप यह पवित्रात्मा की अभिव्यक्ति से संबंध रखता है, जिससे सभी लोग जुड़ते हैं।
2 पवित्रात्मा की अभिव्यक्तियों के कौन-से पहलू हैं? परमेश्वर कभी मानवता में कार्य करता है और कभी दिव्यता में—लेकिन दोनों मामलों में नियंत्रक पवित्रात्मा होता है। पवित्रात्मा द्वारा उसके निर्देशन के दो भाग हैं : एक भाग उसका मानवता में किया जाने वाला कार्य है, और दूसरा उसका दिव्यता के माध्यम से किया जाने वाला कार्य है। यह तुम्हें अच्छी तरह से जान लेना चाहिए। पवित्रात्मा का कार्य परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग होता है : जब उसके मानवीय कार्य की आवश्यकता होती है, तो पवित्रात्मा इस मानवीय कार्य को निर्देशित करता है; और जब उसके दिव्य कार्य की आवश्यकता होती है, तो उसे करने के लिए सीधे दिव्यता प्रकट होती है। चूँकि परमेश्वर देह में कार्य करता है और देह में प्रकट होता है, इसलिए वह मानवता और दिव्यता दोनों में कार्य करता है।
3 परमेश्वर के देह में प्रकट होने का अर्थ है कि परमेश्वर के पवित्रात्मा के सब कार्य और वचन उसकी सामान्य मानवता, और उसके द्वारा धारित देह के माध्यम किए जाते हैं। दूसरे शब्दों में, परमेश्वर का पवित्रात्मा उसके मानवीय कार्य को तत्काल निर्देशित करता है और दिव्यता के कार्य को देह में पूरा करता है, और देहधारी परमेश्वर में तुम परमेश्वर के मानवता में किए गए कार्य और पूर्णत: दिव्य कार्य, दोनों देख सकते हो। व्यावहारिक परमेश्वर के देह में प्रकट होने का यह वास्तविक अर्थ है। व्यावहारिक परमेश्वर का अर्थ यह है कि उसका मानवता और दिव्यता का कार्य, पवित्रात्मा के निर्देशानुसार, उसके देह के माध्यम से अभिव्यक्त किया जाता है, ताकि लोग देख सकें कि वह जीवंत और सजीव, वास्तविक और सत्य है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम्हें पता होना चाहिए कि व्यावहारिक परमेश्वर ही स्वयं परमेश्वर है से रूपांतरित