210 कैसे खोजें परमेश्वर के पदचिह्न
1
तुमने अनदेखे किए वचन, पदचिह्न ईश्वर के खोजते हुए
कि "वो सत्य, मार्ग और जीवन है।"
बहुत लोग सत्य पाकर भी विश्वास न करें
कि उन्हें मिले ईश्वर के पदचिह्न,
उसके प्रकटन को न मानें।
वे एक गंभीर भूल करते हैं।
ईश्वर का प्रकटन मेल न खा सके
इंसान की धारणाओं और इच्छाओं से।
काम करते हुए लक्ष्य,
योजना और विकल्प होते हैं ईश्वर के पास।
चूँकि ईश्वर के पदचिह्न खोज रहे हैं हम, खोज रहे हैं हम,
खोजनी चाहिए उसकी इच्छा और वचन।
जहाँ होते नए ईश-वचन, वहाँ होती उसकी वाणी;
होते उसके पदचिह्न जहाँ, होते उसके कर्म वहाँ;
ईश-अभिव्यक्ति होती जहाँ, प्रकटन मिले उसका वहाँ;
जहाँ वो प्रकट होता वहीं होता सत्य, मार्ग और जीवन।
2
ईश्वर को जरूरत नहीं
इंसान से अपने काम की चर्चा करने या उसे बताने की।
ये है ईश-स्वभाव जिसे अब सभी को जानना चाहिए।
उसके पदचिह्नों पर चलने, उसका प्रकटन देखने,
पहले अपनी धारणाओं को त्यागो।
ईश्वर को क्या करना चाहिए, ये न माँगों,
अपनी अवधारणाओं से उसे न बाँधो।
ये खोजो कि कैसे तुम उसके पदचिह्न पा सकते,
उसका प्रकटन स्वीकार सकते,
और नए काम को समर्पित हो सकते।
क्योंकि इंसान सत्य नहीं, न उसके पास ये है,
उसे खोजना, स्वीकारना, आज्ञापालन करना चाहिए।
चूँकि ईश्वर के पदचिह्न खोज रहे हैं हम, खोज रहे हैं हम,
खोजनी चाहिए उसकी इच्छा और वचन।
जहाँ होते नए ईश-वचन, वहाँ होती उसकी वाणी;
होते उसके पदचिह्न जहाँ, होते उसके कर्म वहाँ;
ईश-अभिव्यक्ति होती जहाँ, प्रकटन मिले उसका वहाँ;
जहाँ वो प्रकट होता वहीं होता सत्य, मार्ग और जीवन।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परिशिष्ट 1: परमेश्वर के प्रकटन ने एक नए युग का सूत्रपात किया है से रूपांतरित