211 अंत के दिनों के मसीह के प्रकटन और कार्य को कैसे जानें
1
देहधारी परमेश्वर में होगा परमेश्वर का सार और अभिव्यक्ति।
जब देह बना है वो, तो काम करेगा जो उसे दिया गया है, प्रकट करेगा जो वो है,
देगा सच्चाई और जीवन इंसानों को, और दिखाएगा राह उनको।
जिस देह में परमेश्वर का सार नहीं है, वो देह परमेश्वर का देहधारण नहीं है।
2
परमेश्वर के देह को, सच्चे मार्ग को,
उसके स्वभाव से, वचन से, काम से पक्का कर लो।
रूप पर नहीं, उसके सार पर ग़ौर करो।
बाहरी रूप पर ग़ौर करना परमेश्वर के, नासमझी है, नादानी है।
बाहर से तय नहीं होता भीतर क्या है,
इंसान के ख्यालों से अलग होता है, परमेश्वर का काम।
3
यीशु का प्रकटन क्या, इंसान की उम्मीदों से अलग न था?
उसकी छवि ने, लिबास ने क्या, उसकी पहचान को छुपाया न था?
फ़रीसियों के विरोध का क्या यही कारण न था?
वो कैसा दिखता है इस पर, नज़र थी उनकी,
वो क्या कहता है उस पर, ध्यान ना था उनका।
4
भाई-बहन जो खोज रहे हैं प्रकटन उसका,
उम्मीद है परमेश्वर को, इतिहास न दोहरायेंगे।
फ़रीसियों की राह पर चलकर, परमेश्वर को फिर से, सूली पर न चढ़ा देना।
सोच लो, कैसे करोगे स्वागत, उसके लौट आने का।
विचार लो अच्छी तरह, सच को कैसे समर्पित होगे।
फर्ज़ है ये हर एक का जो, जिन्हें इंतज़ार है यीशु के लौट आने का।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, प्रस्तावना से रूपांतरित