792 अगर तुम सच में परमेश्वर को जानना चाहते हो

1

जानना चाहो अगर ईश्वर को,

तो उसके काम के तीन चरणों के परे देखो,

उसके पिछले काम के परे देखो।

उसे ऐसे जानने की कोशिश न करोगे तो,

उसे सीमित करोगे, बाँधोगे,

और उसे छोटा जानोगे।


ईश्वर की अद्भुतता, सर्वोच्चता,

सर्वशक्तिमत्ता, और उसके अधिकार

के दायरे को कभी नहीं जानोगे।

ये सत्य स्वीकार नहीं पाओगे कि

ईश्वर करे राज सब चीज़ों पर,

न ही जानोगे असली पहचान उसकी।


सीमित दायरे में ईश्वर को जानोगे

तो सीमित चीज़ें ही पाओगे।

अपनी सोच का दायरा बढ़ाओ, ईश-कार्य,

उसके प्रबंधन, शासन

और उसके द्वारा शासित चीज़ों

के दायरे को पूरी तरह समझो।

इन चीज़ों द्वारा तुम्हें

ईश्वर के काम को समझना चाहिए

अगर सच में तुम ईश्वर को जानना चाहो।


2

इस समझ के साथ,

तुम जान पाओ इससे पहले ही

तुम्हें होगा एहसास कि

ईश्वर करे सब चीज़ों पर राज,

उनकी देखभाल और पोषण करे,

तुम्हें लगेगा कि तुम भी हो सब चीज़ों

के एक भाग।


जब ईश्वर सब चीज़ों के लिए आपूर्ति करे,

तो तुम उसकी आपूर्ति और शासन स्वीकारते।

यह तथ्य है जिसे कोई नकार न सके।


सीमित दायरे में ईश्वर को जानोगे

तो सीमित चीज़ें ही पाओगे।

अपनी सोच का दायरा बढ़ाओ, ईश-कार्य,

उसके प्रबंधन, शासन

और उसके द्वारा शासित चीज़ों

के दायरे को पूरी तरह समझो।

इन चीज़ों द्वारा तुम्हें

ईश्वर के काम को समझना चाहिए

अगर सच में तुम ईश्वर को जानना चाहो।


—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII से रूपांतरित

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