228  तुम सच्चा जीवन हो मेरा

1

पीला चेहरा, उलझे बाल लिए, अकेला और मायूस था मैं,

पास था तुम्हारे, फिर भी कितनी दूर, क्योंकि अजनबी थे हम।

गरिमा चमकती है, उदार मुखमंडल पर तुम्हारे।

सौम्य-सुंदर है हृदय तुम्हारा।

असीमता तुम्हारी शब्द बयाँ कर सकते नहीं।

कहानी पूरी तुम्हारे कर्मों की हर कोई बता सकता नहीं।

तुम सच्चा जीवन हो मेरा, केवल तुम हो मेरे।

मेरे ज़िंदा रहने का आधार हैं वचन तुम्हारे।

सत्य, मार्ग और जीवन हो तुम। कोई नहीं उद्धार केवल तुम हो।

तुम सच्चा जीवन हो मेरा। तुम सच्चा जीवन हो मेरा।


2

तुमने जीवन की साँसें दी हैं मुझको।

तुम्हारे वचनों ने अहसास कराया पूर्णता का मुझको।

हृदय उमड़ता है मेरा सच्चे आभार से।

बना दिया तुमने मुझको पूरा इंसान नया।

जो कुछ तुम्हारा है मुझको अनमोल है।

इसकी जगह नहीं ले सकता ख़ज़ाना कोई,

मुझसे इसे छु‌ड़वा सके न कोई पर्वत या दूरी।

ये मेरा न बदलने वाला लक्ष्य है।


3

ठिठुरती रात में ख़्याल आता है तुम्हारे प्यार का मुझे,

कितने स्नेह का एहसास होता है अपने दिल में मुझे।

जीवन-शक्ति से भरी है अब ज़िंदगी मेरी।

नए जीवन की अगवानी की है मैंने।

बरसों के सम्पर्क से

पता चला है तुम्हारी अनमोलता का मुझे, मुझे, मुझे।

एक भी चीज़ नहीं है संसार की बराबरी हो जिससे।

इंसान के केवल तुम्हीं हो, केवल तुम्हीं हो।

ये मेरा न बदलने वाला लक्ष्य है।

तुम सच्चा जीवन हो मेरा, केवल तुम हो मेरे।

मेरे ज़िंदा रहने का आधार हैं वचन तुम्हारे।

सत्य, मार्ग और जीवन हो तुम। कोई नहीं उद्धार केवल तुम हो।

तुम सच्चा जीवन हो मेरा। तुम सच्चा जीवन हो मेरा।

तुम सच्चा जीवन हो मेरा। तुम सच्चा जीवन हो मेरा।

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