59 न्याय और ताड़ना का कार्य छुटकारे के काम से गहरा है
अब युग बदल गया है, ईश-कार्य आगे बढ़ गया है।
इंसान का विद्रोह और अशुद्ध चीज़ें न्याय द्वारा शुद्ध की जाएंगी।
1
छुटकारे के काम के दौरान, ईश्वर ने इंसा पर अनुग्रह बरसाया था,
ताकि इंसान पाप से छुटकारा पाये और अनुग्रह से पाप क्षमा हों उसके।
परमेश्वर अब अधार्मिकता को उजागर करे,
ताड़ना और न्याय द्वारा, अपने वचनों के प्रहार द्वारा,
इंसा को अनुशासित और उजागर करे, ताकि इंसा को बचाया जा सके।
छुटकारे के काम से ये काम गहरा है।
2
अनुग्रह के युग का अनुग्रह काफी था इंसा के आनंद के लिए।
चूंकि इंसा महसूस कर चुका ये अनुग्रह,
उसे अब इसका आनंद और नहीं लेना है।
इस काम का समय बीत चुका है।
अब ईश्वर इंसान को वचन के न्याय से बचाए।
इंसान का हो न्याय, मिले ताड़ना, फिर शुद्ध होकर उसका स्वभाव बदल जाये।
क्या ये ईश्वर द्वारा बोले गए वचनों के कारण नहीं?
परमेश्वर अब अधार्मिकता को उजागर करे,
ताड़ना और न्याय द्वारा, अपने वचनों के प्रहार द्वारा,
इंसा को अनुशासित और उजागर करे,
ताकि इंसा को बचाया जा सके।
छुटकारे के काम से ये काम गहरा है।
3
काम का हर चरण होता इंसान की प्रगति और युग के अनुसार।
ये सभी काम अर्थ से भरे हैं, अंतिम उद्धार के लिए किए जाते हैं।
ये हैं इसलिए कि इंसान अच्छी मंज़िल पाये
अंत में अपने प्रकार के अनुसार बांटा जाये।
परमेश्वर अब अधार्मिकता को उजागर करे,
ताड़ना और न्याय द्वारा, अपने वचनों के प्रहार द्वारा,
इंसा को अनुशासित और उजागर करे, ताकि इंसा को बचाया जा सके।
छुटकारे के काम से ये काम गहरा है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, देहधारण का रहस्य (4) से रूपांतरित