73 न्याय और ताड़ना परमेश्वर का उद्धार प्रकट करते हैं
1
ईश्वर तुम लोगों का न्याय करता,
निंदा करता, ताड़ना देता अभी,
ताकि अपना मोल समझो, खुद को जान सको,
अपना स्वभाव बदल सको,
देख सको कि ईश्वर के सभी काम हैं धार्मिक,
और उसके काम की अपेक्षा और स्वभाव अनुसार।
तुम जान जाओगे कि वह है धार्मिक ईश्वर
जो इंसान से प्यार करता,
उसका न्याय करता, ताड़ना देता,
इंसान के उद्धार के लिए
अपनी योजना के मुताबिक काम करता।
ईश्वर इंसान को मारने या नष्ट करने नहीं आया है।
वो न्याय करने, शाप देने,
ताड़ना देने और बचाने आया है।
2
अगर तुम सिर्फ ये जानते कि तुम हो निम्न दर्जे के,
भ्रष्ट और आज्ञा न मानने वाले,
पर नहीं जानते कि ईश्वर तुममें न्याय
और ताड़ना का काम करके
अपने उद्धार को स्पष्ट करना चाहे,
तो तुम अनुभव नहीं कर सकते,
आगे नहीं बढ़ सकते, (आगे नहीं बढ़ सकते)।
ईश्वर इंसान को मारने या नष्ट करने नहीं आया है।
वो न्याय करने, शाप देने,
ताड़ना देने और बचाने आया है।
3
उसकी 6,000 साल की योजना के अंत तक,
सभी प्रकार के इंसानों का परिणाम उजागर करने तक,
ईश-कार्य होगा उद्धार के लिए,
उससे जो प्रेम करते, उन्हें पूरा करने के लिए,
उन्हें अपने प्रभुत्व की अधीनता में लाने के लिए।
ईश्वर इंसान को मारने या नष्ट करने नहीं आया है।
वो न्याय करने, शाप देने,
ताड़ना देने और बचाने आया है।
ईश्वर इंसान को मारने या नष्ट करने नहीं आया है।
वो न्याय करने, शाप देने,
ताड़ना देने और बचाने आया है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, मनुष्य के उद्धार के लिए तुम्हें सामाजिक प्रतिष्ठा के आशीष से दूर रहकर परमेश्वर की इच्छा को समझना चाहिए से रूपांतरित