72 विजय कार्य का अर्थ बहुत गहरा है
1
तुम सब पर किया गया विजय-कार्य, है बहुत अर्थपूर्ण।
ये एक जन-समूह को विजेताओं के रूप में पूर्ण बनाने के लिए है।
वो पूर्ण किये गए लोगों का पहला समूह होंगे। यानी वो प्रथम फल होंगे।
ईश्वर के सारे काम के उद्देश्य को देखो।
ये लोगों को जीवन के सही मार्ग पर ले जाने के लिए है,
जिससे वो सामान्य जीवन जी सकें मानवता का
क्योंकि मनुष्य जीना नहीं जानता।
हाँ, इस अगुवाई के बिना तुम्हारा जीवन खोखला होगा।
वो केवल बेकार और अर्थहीन होगा।
तुम्हें नहीं आएगा आम इंसान बनना।
ये मनुष्य को जीतने का सबसे गहरा अर्थ है।
2
इसलिए भी किया जाता विजय-कार्य, प्राणी ईश-प्रेम का आनंद ले सकें।
इसका उद्देश्य है कि वे उसका सबसे बड़ा और पूर्ण उद्धार पा सकें।
ईश्वर इंसान पर दया और प्रेम ही नहीं दिखाता,
उसे ताड़ना भी देता, न्याय भी करता।
ईश्वर के सारे काम के उद्देश्य को देखो।
ये लोगों को जीवन के सही मार्ग पर ले जाने के लिए है,
जिससे वो सामान्य जीवन जी सकें मानवता का
क्योंकि मनुष्य जीना नहीं जानता।
हाँ, इस अगुवाई के बिना तुम्हारा जीवन खोखला होगा।
वो केवल बेकार और अर्थहीन होगा।
तुम्हें नहीं आएगा आम इंसान बनना।
ये मनुष्य को जीतने का सबसे गहरा अर्थ है।
3
सृष्टि से अब तक, ईश्वर के सारे काम में इंसान के लिए प्रेम है, नफरत नहीं।
उसका न्याय भी प्रेम ही है, सच्चा और असली प्रेम,
जो इंसान को जीवन के सही मार्ग पर ले जाए।
विजय का काम शैतान के सामने गवाही देना भी है,
और सुसमाचार फैलाना भी है।
ईश्वर के सारे काम के उद्देश्य को देखो।
ये लोगों को जीवन के सही मार्ग पर ले जाने के लिए है,
जिससे वो सामान्य जीवन जी सकें मानवता का
क्योंकि मनुष्य जीना नहीं जानता।
हाँ, इस अगुवाई के बिना तुम्हारा जीवन खोखला होगा।
वो केवल बेकार और अर्थहीन होगा।
तुम्हें नहीं आएगा आम इंसान बनना।
ये मनुष्य को जीतने का सबसे गहरा अर्थ है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, विजय के कार्य की आंतरिक सच्चाई (4) से रूपांतरित