77 परमेश्वर का न्याय उसकी धार्मिकता और पवित्रता को प्रकट करता है

1

आज ईश्वर इंसान के पापों और अधार्मिकता

का न्याय करने, उनकी विद्रोहशीलता को

धिक्कारने, कपट और कुटिलता की

ताड़ना के लिए अपने वचन बोल रहा है।

अगर उनके काम, उनकी बातें

उसकी इच्छा के अनुरूप न होंगे, तो वो न्याय करेगा।

उनकी अवज्ञा को पाप ठहराएगा।

ये काम उसकी पवित्रता को प्रकट करे।


ईश्वर न्याय-सिद्धांतों के अनुरूप बोले।

इंसान के विद्रोह को, धिक्कार कर, उसकी बदसूरती को उजागर कर,

उसकी अधार्मिकता का न्याय कर,

वो अपना धार्मिक स्वभाव दिखाए।

उसकी पवित्रता का अर्थ धार्मिकता है।

ईश्वर तुम्हारे भ्रष्ट स्वभावों की रोशनी में बोले, न्याय और विजय-कार्य करे।

यही व्यावहारिक काम है ईश्वर की पवित्रता को साफ़ दिखाए।


इन्हीं न्यायों के कारण तुम ये देख पाए : ईश्वर धार्मिक और पवित्र है।

वो धार्मिक और पवित्र है—इसीलिए उसने तुम्हारा न्याय किया,

तुम पर क्रोध किया, तुम पर क्रोध किया।


2

इंसान का विद्रोह देखकर, वो अपनी धार्मिकता प्रकट कर सकता है,

इंसान की सारी मलिनता देखकर, वो अपनी पवित्रता प्रकट कर सकता है।

ईश्वर की पवित्रता दिखाने को इतना काफी है,

जिसमें ज़रा-सा भी दाग नहीं है,

वो स्वयं परमेश्वर पवित्र है, पर वो मलिन धरती पर भी रहता है।


अगर वो दूसरों के साथ खुद को मलिन करने वाला आम इंसान होता;

अगर वो धार्मिक न होता या उसमें ज़रा-सी भी पवित्रता न होती,

तो वो मलिन लोगों का न्याय करने के काबिल न होता,

न ही वो पूरी इंसानियत का न्याय करने का हकदार होता।

जो दूसरों की तरह खुद भी मलिन हो,

वो लोगों का न्याय कैसे कर सकता है?


इन्हीं न्यायों के कारण तुम ये देख पाए : ईश्वर धार्मिक और पवित्र है।

वो धार्मिक और पवित्र है—इसीलिए उसने तुम्हारा न्याय किया,

तुम पर क्रोध किया, तुम पर क्रोध किया।


सिर्फ़ पवित्र ईश्वर के पास ही इंसान का न्याय करने का अधिकार है।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, विजय-कार्य के दूसरे चरण के प्रभावों को कैसे प्राप्त किया जाता है से रूपांतरित

पिछला: 76 पूरी मानवता का न्याय करने के लिए परमेश्वर अंत के दिनों में देह बने

अगला: 78 मनुष्य के पुत्र की छवि को उसके न्याय और उसकी ताड़ना में देखना

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें