768 परमेश्वर की इच्छा पूरी करने के लिए जीना सबसे सार्थक है
1
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
यदि तुम लोग करते हो परमेश्वर से प्रेम,
तो परमेश्वर के जन होने के लिए राज्य में प्रवेश
है तुम लोगों का असली भविष्य और अनमोल व सार्थक जीवन।
होगा न कोई और अधिक धन्य।
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
जीते हो तुम लोग आज परमेश्वर के लिए, पूरी करते हो इच्छा परमेश्वर की।
इसलिए परमेश्वर का है कहना कि तुम लोगों का जीवन है मोल वाला जीवन।
2
केवल परमेश्वर द्वारा चुने गए लोग जी पाते हैं अर्थ के साथ।
दुनिया में न कोई और जी सकता है जीवन इतना अर्थपूर्ण और मूल्यवान।
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
परमेश्वर द्वारा चुने गए और प्यार किये गए और बढ़ाये गए,
तुम लोगों ने समझा है असली जीवन, जाना कैसे जीयें मोल वाला जीवन।
परमेश्वर ने खोल दी तुम लोगों की आँखें,
उसकी कृपा तुम लोगों को उसके सामने ले आई।
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
3
अगर परमेश्वर तुझे प्रेरित न करता,
तो तू न कर पाता अनुभव उसकी सुन्दरता का
या उसे दे नहीं पाता अपना असली प्रेम।
परमेश्वर ने किया तुम्हारे ह्रदय को स्पर्श,
ताकि तुम लोग उसे दे पाओ अपना हृदय।
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
परमेश्वर के लिए जीने का है सबसे ज्यादा मोल।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर के सबसे नए कार्य को जानो और उसके पदचिह्नों का अनुसरण करो से रूपांतरित