117 केवल परमेश्वर से सच्चा प्रेम करने वाले ही ईमानदार हैं

1

शुद्ध और सच्चे, जैसे मासूम बच्चे,

युवा जीवन-शक्ति से भरे, उजले-उजले,

फरिश्तों जैसे, वे देह के लिए नहीं जीते,

करते हैं केवल प्रेम ईश्वर से।

नहीं इनमें कोई कपट, गरिमा संग जीवन हैं जीते।

परमेश्वर का भरोसा जीतते, दिल अपना उन्हें देते हैं।

ऐसे सच्चे लोगों से परमेश्वर भी प्रेम करते हैं।

हर दिन करते मार्गदर्शन, परमेश्वर के वचन,

पवित्रात्मा करता अगुआई, कितने धन्य हैं हम।

स्वीकार है परमेश्वर की जांच,

उनके सामने जीते हैं हम।

आनंददायक है दिल से परमेश्वर को प्रेम करना।

सच्चे लोग पाते हैं, राज्य में प्रवेश, उद्धार परमेश्वर का,

सदा रहेंगे वे परमेश्वर के संग।

मसीह का राज्य स्वर्ग है, खूबसूरत घर है,

सच्चे लोगों के लिए।


2

सच्चे हैं दिल उनके, जो करते हैं सत्य से प्रेम, निश्चय ही मिलेगी परमेश्वर की आशीष उन्हें।

सत्य का अभ्यास देता है हमें खुशी।

परमेश्वर की आज्ञा मानने से मिलती है शांति।

हम बुराई से दूर रहते, परमेश्वर का भय मानते,

वचन से जीते।

परमेश्वर के वचनों में जीते हैं, मुक्ति मिलती हमें।

परमेश्वर से प्रेम करना, सच में खुश होना है।

हर दिन करते मार्गदर्शन, परमेश्वर के वचन,

पवित्रात्मा करता अगुआई, कितने धन्य हैं हम।

स्वीकार है परमेश्वर की जांच,

उनके सामने जीते हैं हम।

आनंददायक है दिल से परमेश्वर को प्रेम करना।

सच्चे लोग पाते हैं, राज्य में प्रवेश, उद्धार परमेश्वर का,

सदा रहेंगे वे परमेश्वर के संग।

मसीह का राज्य स्वर्ग है, खूबसूरत घर है,

सच्चे लोगों के लिए।


3

परमेश्वर के न्याय, ताड़ना ने शुद्ध किया मुझे,

बना मैं सच्चा, वे हैं खुश मुझसे।

बेगर्ज़ उनके लिए खुद को खपाता हूँ मैं,

दिल से उनकी इच्छा को विचारता हूँ मैं।

परमेश्वर से प्रेम करना देता है आनंद,

उनके वचन से जियो तो, आराम से कटता जीवन।

हमारे दिल में हैं बस, परमेश्वर और सत्य।

उनके वचन बन गए हैं हमारा जीवन।

हर दिन करते मार्गदर्शन, परमेश्वर के वचन,

पवित्रात्मा करता अगुआई, कितने धन्य हैं हम।

स्वीकार है परमेश्वर की जांच,

उनके सामने जीते हैं हम।

आनंददायक है दिल से परमेश्वर को प्रेम करना।

सच्चे लोग पाते हैं, राज्य में प्रवेश, उद्धार परमेश्वर का,

सदा रहेंगे वे परमेश्वर के संग।

मसीह का राज्य स्वर्ग है, खूबसूरत घर है,

सच्चे लोगों के लिए।

पिछला: 116 ईमानदार लोगों में ही होती है इंसानियत

अगला: 118 स्वर्गिक राज्य की प्रजा

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

420 सच्ची प्रार्थना का प्रभाव

1ईमानदारी से चलो,और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे, गहरे छल से छुटकारा पाओगे।प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;प्रार्थना करो,...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें