122 प्रकाश में जीने के लिए ईश्वर से प्रेम करो
1
संसार अँधेरे और संकट से भरा है,
अंत के दिनों में ईश-वचन सच्चा प्रकाश दिखाते।
ईश-वचन खा-पीकर मैं सत्य पाता हूँ,
और मैं देखता हूँ सच्चा मार्ग दुनिया में।
ईश-वचनों का अनुभव कर प्रकाश देखता हूँ मैं,
मैं देखता हूँ, सत्य वास्तविक है।
ईश-वचन इंसान के जीवन हैं;
सत्य को पाना ईश्वर को महिमा देता है।
ईश्वर का आज्ञापालन करूँ आत्मा और सत्य में,
बखूबी फर्ज़ निभाऊँ, गवाही दूँ मैं।
ईश्वर से प्रेम करना बहुत ही अर्थपूर्ण है,
और मैं सदा प्रकाश में जीऊँगा।
2
न्याय और ताड़ना बहुत अनमोल हैं,
काट-छाँट, निपटारे बिना मैं न रह सकूँ,
परीक्षण और शोधन लोगों को उजागर करते;
बहुत दर्द सहने से बदलाव आता।
सत्य का अभ्यास है कुंजी;
ईश्वर से प्रेम करना है सबसे वास्तविक।
जो दिल ईश्वर से प्रेम न करे, दे धोखा उसे,
ईश्वर से सच्चा प्रेम उसकी प्रशंसा पाता।
ईश्वर का आज्ञापालन करूँ आत्मा और सत्य में,
बखूबी फर्ज़ निभाऊँ, गवाही दूँ मैं।
ईश्वर से प्रेम करना बहुत ही अर्थपूर्ण है,
और मैं सदा प्रकाश में जीऊँगा।
आस्था पर भरोसा कर परीक्षा से गुज़रो,
गवाही देने के लिए सत्य का सहारा लो।
मुश्किलें और परीक्षाएं सच्चा हृदय उजागर करें;
सत्य के बिना सब व्यर्थ होगा।
ईश्वर का आज्ञापालन करूँ आत्मा और सत्य में,
बखूबी फर्ज़ निभाऊँ, गवाही दूँ मैं।
ईश्वर से प्रेम करना बहुत ही अर्थपूर्ण है,
और मैं सदा प्रकाश में जीऊँगा।