154 मेरे प्रिय, इंतज़ार करो मेरा
1
पेड़ों पर चढ़ रहा है ख़ामोश चाँद, मेरे उजले और सुंदर प्रिय की तरह।
हे मेरे प्रिय, कहाँ हो तुम?
आँसुओं में डूबी हूँ मैं, क्या सुन रहे हो मेरी पुकार?
तुम्हीं से मिलता है प्यार मुझे, तुम्हीं से मिलती है देख-भाल मुझे।
तुम्हीं सोचते हो मेरे बारे में, तुम्हीं संजोते हो जीवन मेरा।
ओ चाँद, तुम जाओ आसमाँ के उस ओर,
मत कराओ मेरे प्रिय को इंतज़ार और।
कह दो उनसे याद आती मुझे उनकी।
मत भूलना मेरा प्यार साथ ले जाना, साथ ले जाना।
2
हँसों के जोड़े उड़ रहे हैं दूर आसमाँ में।
क्या वो लाएंगे मेरे प्रिय का संदेसा मेरे लिये?
दे दो मुझे पँख अपने, मैं उड़ कर जा सकूँ वापस घर अपने।
अदा कर दूँगी कीमत अपने प्रिय की परवाह की।
कहना चाहती हूँ मत होना उदास प्रिये!
मैं दूँगी वो जवाब जो तुम्हें ख़ुश करे।
इसलिये ज़ाया न जाएगी तुम्हारी कोशिशें।
काश, मैं हो जाती जल्दी बड़ी,
ताकि भटकती, दुखभरी ज़िंदगी से मिलती आज़ादी मुझे।
हे प्रिये, करना इंतज़ार मेरा,
दुनिया के सारे सुखों से मुंह मोड़कर आ जाऊँगी।
अदा कर दूँगी कीमत अपने प्रिय की परवाह की।
कहना चाहती हूँ मत होना उदास प्रिये!
मैं दूँगी वो जवाब जो तुम्हें ख़ुश करे।
इसलिये ज़ाया न जाएगी तुम्हारी कोशिशें।
इसलिये ज़ाया न जाएगी तुम्हारी कोशिशें, तुम्हारी कोशिशें।