699 परमेश्वर को अर्पित करना सबसे मूल्यवान बलिदान

1

बरसों की मुश्किलों, ताड़ना और शुद्धिकरण के बाद,

आख़िरकार तूफ़ानों से टूट चुका इंसान,

अब रूमानियत, गौरव खो चुका इंसान।

समझता है अब वो इंसान होने का सच और परमेश्वर का समर्पण।

और इसलिये अर्पित करता है वो, सबसे मूल्यवान बलिदान परमेश्वर को,

और इसलिये अर्पित करता है वो, सबसे मूल्यवान बलिदान परमेश्वर को,

जो मुस्करा रहा है देखकर उसे।


2

उसे घृणा है अपनी दुष्टता से, नफ़रत है अपनी असभ्यता से,

मिथ्या-धारणा से और परमेश्वर की माँगों से।

वो पलट नहीं सकता है समय को, अपने पछतावे बदल नहीं सकता है वो।

मगर परमेश्वर का वचन, प्रेम देते हैं उसे नया जीवन।

और इसलिये अर्पित करता है वो, सबसे मूल्यवान बलिदान परमेश्वर को,

और इसलिये अर्पित करता है वो, सबसे मूल्यवान बलिदान परमेश्वर को,

जो मुस्करा रहा है देखकर उसे।


3

दिन-ब-दिन भरते हैं घाव, लौटती है शक्ति इंसान की।

उठकर निहारता है चेहरा सर्वशक्तिमान का,

और पाता है, परमेश्वर तो सदा से है यहाँ,

अब भी उतनी मोहक है उसकी मुस्कान और उसका प्रेम।

और इसलिये अर्पित करता है वो, सबसे मूल्यवान बलिदान परमेश्वर को,

और इसलिये अर्पित करता है वो, सबसे मूल्यवान बलिदान परमेश्वर को,

जो मुस्करा रहा है देखकर उसे।


4

उसके दिल में फ़िक्र है इंसान की;

उतने ही स्नेही और मज़बूत हैं उसके हाथ,

जितने शुरुआत से हमेशा रहे हैं।

जैसे अदनवाटिका में इंसाँ लौट आया हो।

विरोध करता है वो सर्प का, मुड़ता है यहोवा की ओर।

और इसलिये अर्पित करता है वो, सबसे मूल्यवान बलिदान परमेश्वर को,

और इसलिये अर्पित करता है वो, सबसे मूल्यवान बलिदान परमेश्वर को,

जो मुस्करा रहा है देखकर उसे।

हे मेरे प्रभु! हे मेरे परमेश्वर!


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परिशिष्ट 3: मनुष्य को केवल परमेश्वर के प्रबंधन के बीच ही बचाया जा सकता है से रूपांतरित

पिछला: 698 जीवन प्राप्त करने के लिए न्याय स्वीकारो

अगला: 700 स्वभाव में बदलाव है मुख्यत: प्रकृति में बदलाव

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें