883 जब परमेश्वर देहधारण करता है तभी मनुष्य को उद्धार का अवसर मिलता है
1 जब तुम किसी दिन-विशेष तक अनुभव कर लोगे, तो तुम सामान्य इंसानी शरीर के साथ, परमेश्वर के देहधारण को समझ जाओगे कि इंसान को इसी की आवश्यकता है। परमेश्वर का देहधारण, मानवता, उसका स्वरूप और जो वो प्रकट करता है, जितना सामान्य होता है, उतना ही बड़ा हमारा उद्धार होता है, और ये चीज़ें जितनी अधिक सामान्य होती हैं, उतनी ही हमारी ज़रूरत के अनुरूप होती हैं। अगर परमेश्वर का देहधारण अलौकिक होता, तो हममें से कोई भी—भले ही हम परमेश्वर द्वारा चुने गए लोग क्यों न हों—बचाये नहीं जा सकते थे। परमेश्वर की दीनता और अप्रत्यक्षता के कारण ही, देखने में असाधारण लगने वाले परमेश्वर की सामान्यता और व्यावहारिकता के कारण ही, लोगों को उद्धार का अवसर मिला है। क्योंकि लोगों में आज्ञाकारिता का अभाव और भ्रष्ट शैतानी स्वभाव का सार है, परमेश्वर के प्रति सभी तरह की अवधारणाएं, ग़लतफहमियां और शत्रुता पैदा होती हैं; यही कारण है कि इन अवधारणाओं के परिणाम स्वरूप लोग अक्सर इस मसीह को अस्वीकार करते हैं और उसकी सामान्य मानवता को इनकार करते हैं—जो एक बड़ी गलती है।
2 अगर तुम संपूर्ण उद्धार पाना चाहते हो, यदि तुम परमेश्वर का उद्धार पाना चाहते हो, उसका न्याय और उसकी ताड़ना पाना चाहते हो, तो तुम्हें पहले अपनी विभिन्न अवधारणाओं और मसीह के बारे में भ्रामक परिभाषाओं को भुला देना होगा, तुम्हें मसीह के बारे में अपनी विभिन्न अंतर्दृष्टियों और रायों को अलग रखना होगा और परमेश्वर से आने वाली हर बात को स्वीकार करने के तरीके पर विचार करना होगा। केवल तभी परमेश्वर द्वारा बोले गए वचन और उसके द्वारा व्यक्त किए गए सत्य धीरे-धीरे तुम्हारे हृदय में प्रवेश कर पाएंगे और तुम्हारा जीवन बन पाएंगे। अगर तुम उसका अनुसरण करना चाहते हो, तो तुम्हें उससे जुड़ी हर चीज़ को स्वीकार करना होगा; तुम्हें उसे हमेशा गलत समझने के लिए अपनी अवधारणाओं का इस्तेमाल करते हुए, उसके ख़िलाफ़ नहीं खड़ा होना चाहिए, तुम्हें अपनी अवधारणाओं से चिपकना छोड़ना होगा और लगातार उसके प्रति ग़लतफहमी और संदेह नहीं रखना होगा या उसका विरोध और प्रतिरोध भी नहीं करना होगा। ऐसी प्रवृत्ति के साथ, तुम सिर्फ़ अपना नुकसान कर सकते हो; इससे तुम्हें ज़रा सा भी लाभ नहीं होगा।
—वचन, खंड 3, अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन, अपनी धारणाओं का समाधान करके ही व्यक्ति परमेश्वर पर विश्वास के सही मार्ग पर चल सकता है (1) से रूपांतरित