177 मैं परमेश्वर की गवाही देने के लिए जीने की शपथ लेती हूँ

1

चीन शैतानों का किला है, जहाँ शैतान की सत्ता है, और जहाँ मानवाधिकारों का नामोनिशान नहीं है।

परमेश्वर के वचनों की गवाही देते और सुसमाचारों का प्रचार करते हुए, सीसीपी ने मुझे गिरफ्तार कर लिया था।

क्रूर और दुष्ट पुलिस ने मेरे साथ सख्ती बरती, नरमी बरती और मुझे परमेश्वर को धोखा देने के लिए मजबूर करने का प्रयास किया।

क्रूर यातनाएँ देकर और बुरी तरह से पीटकर उन्होंने मेरे शरीर को उधेड़कर रख दिया।

जिंदगी और मौत के बीच झूलते हुए यह तय करना मुश्किल था : निष्ठावान रहूँ या समझौता कर लूँ?

मेरा मन कमजोर था; मैंने परमेश्वर से मेरी रक्षा करने और मुझे आस्था प्रदान करने की प्रार्थना की।


2

परमेश्वर के वचनों से प्रबुद्ध होकर, मैं गहराई से समझ गई : जिंदगी और मौत परमेश्वर के हाथों में है।

परमेश्वर की प्राणी होने के नाते, जो उसके प्रेम का आनंद लेती है, मुझे उसके प्रति निष्ठावान रहना चाहिए।

अपनी देह को बचाए रखना स्वार्थ और नीचता है, जो मुझे निर्लज्ज यहूदा बना देगा।

अगर मैं अपना जीवन बचाने के लिए शैतान के सामने हार मान लूँ, तो निश्चित ही परमेश्वर मुझे दंड देगा।

धार्मिकता के लिए कष्ट उठाते हुए मेरे मन में कोई शिकायत नहीं है; मैं केवल परमेश्वर को महिमामंडित करना चाहती हूँ।

मैं पतरस का अनुकरण करूँगी, मरते दम तक निष्ठावान रहूँगी और शानदार गवाही दूंगी।


3

परमेश्वर बहुत बुद्धिमान है; उसने मेरी परीक्षा लेने और मुझे पूर्ण बनाने के लिए इस परिवेश की व्यवस्था की है।

परमेश्वर के वचन सच्ची आस्था देते हैं, और मुझे मौत का कोई भय नहीं है।

मैं बिना किसी शिकायत या पश्चाताप के, परमेश्वर से प्रेम करने का संकल्प लेती हूँ, मेरा दिल अटल है।

मैं अपना जीवन देती हूँ, परमेश्वर के आयोजनों के प्रति समर्पित होकर उसकी संतुष्टि को सबसे ऊपर रखती हूँ।

स्वर्गिक राज्य का मार्ग बहुत लंबा है, हर कदम पर खतरा है, लेकिन मैं परमेश्वर का अनुसरण करने का संकल्प लेती हूँ।

मैं शैतान को शर्मिंदा करूँगी, परमेश्वर को महिमामंडित करूँगी और व्यर्थ का जीवन नहीं जिऊँगी।

पिछला: 176 निगरानी के साए में दिन

अगला: 178 जब हम जुदा होंगे

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें