79 न्याय का कार्य स्वयं परमेश्वर द्वारा ही किया जाना चाहिए

1

न्याय इंसान को जीतने के लिए सत्य का उपयोग है,

तो बेशक इंसान के बीच काम करने

परमेश्वर देहधारी छवि में प्रकट होगा।

यानी मसीह अंत के दिनों में सत्य द्वारा

पूरी दुनिया के लोगों को सिखाएगा

और उन्हें सारे सत्य बताएगा।

यह है परमेश्वर का न्याय कार्य।


कई लोग ईश्वर के दूसरे देहधारण से बेचैन हैं।

उन्हें यकीन न हो कि ईश्वर न्याय-कार्य करने देह बनेगा,

लेकिन ईश्वर को तुम्हें बताना होगा कि उसका काम

इंसान की अपेक्षा से कहीं आगे है,

और इसे स्वीकारना उसके लिए मुश्किल है।

क्योंकि इंसान तो हैं जैसे धरती के कीड़े,

जबकि परमेश्वर सर्वोच्च है।


परमेश्वर ही पूरी कायनात में समाया है।

इंसान का दिमाग है गंदा पानी, पलें जिसमें कीड़े,

जबकि परमेश्वर की सोच से

निर्देशित काम का हर चरण

उसकी बुद्धि का परिणाम है।


न्याय का कार्य है बस ईश्वर का;

इसे बस ईश्वर द्वारा किया जाना चाहिए।

उसकी जगह इंसान इसे न कर सके।


2

इंसान ईश्वर से लड़ना चाहे, साफ है कि कौन हारेगा।

ईश्वर तुम्हें सलाह देता,

मत समझो खुद को सोने से कीमती।

जब कुछ लोग ईश-न्याय मान सकते तो तुम क्यों नहीं?

तुम खुद को औरों से कितना ऊपर समझते?

जब दूसरे झुक सकते सत्य के सामने,

तो तुम भी क्यों नहीं?

ईश-कार्य रोका जा सकता नहीं।


तुम्हारे थोड़े-से "योगदान" की वजह से वो

अपना न्याय-कार्य न दोहराएगा,

और तुम डूब जाओगे पछतावे में

कीमती मौका गँवाने के लिए।


न्याय का कार्य है बस ईश्वर का;

इसे बस ईश्वर द्वारा किया जाना चाहिए।

उसकी जगह इंसान इसे न कर सके।


ईश-वचनों पर अगर तुम्हें विश्वास नहीं तो

स्वर्ग का महान श्वेत सिंहासन तुम्हारा न्याय करेगा!

जान लो कि सभी इस्राएलियों ने नकारा था यीशु को,

फिर भी उसने छुटकारा दिलाया इंसान को

ये तथ्य फैल गया कायनात में,

पहुँचा धरती के कोने-कोने में।

क्या ईश्वर ने इसे सच नहीं किया बहुत पहले?

अगर अब भी हो इंतज़ार में कि यीशु तुम्हें स्वर्ग ले जाए,

तो लकड़ी के निर्जीव टुकड़े हो तुम।

तुम हो झूठे विश्वासी, सत्य से की बेवफाई,

बस आशीष पाना चाहा, यीशु तुम्हें स्वीकारेगा नहीं।

वो तुम पर दया न करेगा,

आग की झील में फेंकेगा जलने के लिए हज़ारों साल।


न्याय का कार्य है बस ईश्वर का;

इसे बस ईश्वर द्वारा किया जाना चाहिए।

उसकी जगह इंसान इसे न कर सके,

ओह ... न कर सके।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, मसीह न्याय का कार्य सत्य के साथ करता है से रूपांतरित

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