819 क्या तुम परमेश्वर के कार्य के अर्थ और उद्देश्य को जानते हो?

1 अब क्या तुम सच में जानते हो कि तुम मुझ पर क्यों विश्वास करते हो? क्या तुम सच में मेरे कार्य के उद्देश्य और महत्व को जानते हो? क्या तुम सच में अपने कर्तव्य को जानते हो? क्या तुम सच में मेरी गवाही को जानते हो? अगर तुम मुझमें मात्र विश्वास करते हो, और तुममें मेरी महिमा या गवाही नहीं पाई जाती, तो मैंने तुम्हें बहुत पहले ही खारिज कर दिया है। जहाँ तक सब-कुछ जानने वालों का सवाल हैं, वे मेरी आँख के और भी ज्यादा काँटे हैं, और मेरे घर में वे मेरे रास्ते की अड़चनों से ज्यादा कुछ नहीं हैं। वे गेहूँ जैसी दिखने वाली मोठ घास हैं, जिसे मेरे कार्य से पूरी तरह से पछोर दिया जाना चाहिए, वे किसी काम के नहीं हैं, वे बेकार हैं; मैंने लंबे समय से उनसे घृणा की है।

2 अकसर मेरा प्रकोप उन पर टूटता है, जिनके पास गवाही नहीं है, और मेरी लाठी कभी उन पर से नहीं हटती। मैंने बहुत पहले ही उन्हें दुष्ट के हाथों में दे दिया है; वे मेरे आशीषों से वंचित हैं। जब दिन आएगा, उनका दंड मूर्ख स्त्रियों के दंड से भी कहीं ज़्यादा पीड़ादायक होगा। आज मैं केवल वही काम करता हूँ, जो मेरा कर्तव्य है; मैं सारे गेहूँ को उस मोठ घास के साथ गठरियों में बाँधूँगा। आज मेरा यही कार्य है। पछोरने के समय वह सारी मोठ घास मेरे द्वारा पछोर दी जाएगी, और फिर गेहूँ के दानों को भंडार-गृह में इकट्ठा किया जाएगा, और पछोरी गई उस मोठ घास को जलाकर राख कर देने के लिए आग में डाल दिया जाएगा।

3 अब मेरा कार्य मात्र सभी मनुष्यों को एक गठरी में बाँधना है, अर्थात् उन सभी को पूरी तरह से जीतना है। तब सभी मनुष्यों के अंत को प्रकट करने के लिए मैं पछोरना शुरू करूँगा। अतः तुम्हें जानना ही होगा कि अब तुम मुझे कैसे संतुष्ट कर सकते हो और तुम्हें किस तरह मेरे प्रति विश्वास में सही पथ पर आना चाहिए। अब मैं तुम्हारी निष्ठा और आज्ञाकारिता, तुम्हारा प्रेम और गवाही चाहता हूँ। यहाँ तक कि अगर तुम इस समय नहीं जानते कि गवाही क्या होती है या प्रेम क्या होता है, तो तुम्हें अपना सब-कुछ मेरे पास ले आना चाहिए और जो एकमात्र खजाना तुम्हारे पास है : तुम्हारी निष्ठा और आज्ञाकारिता, उसे मुझे सौंप देना चाहिए।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम विश्वास के बारे में क्या जानते हो? से रूपांतरित

पिछला: 818 क्या तुम ऐसा इंसान बनने को तैयार हो जो देता है परमेश्वर की गवाही

अगला: 820 गवाही जो इंसान को देनी चाहिए

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें