427 परमेश्वर अपने संग सहयोग करने वालों को दुगुना प्रतिफल देता है

1

यदि प्रतिदिन तुम आत्मिक जीवन जीते हो,

तो समय के साथ तुम ईश्वर को दिल ज़्यादा अर्पित करोगे।

रूह तुम्हारी ज़्यादा दृढ़ और तुम्हारी स्थिति बेहतर होगी।

पवित्रात्मा राह दिखाएगा तुम्हें और तुम पाओगे ज़्यादा आशीष।

तुम सब का आत्मिक जीवन है पवित्रात्मा का साथ होना,

ईश्वर का साथ देना, खुद को जीतना।

ये केवल नियम का पालन नहीं है।

ये वो है जो मानव को करना चाहिए।

तो दो अपना सब कुछ इन चीज़ों को।


इसलिए ईश्वर सदा कहता है जो लोग उसका साथ देते हैं,

वो उन्हें दुगना प्रतिफल, दुगना प्रतिफल देगा।

इसलिए ईश्वर सदा कहता है जो लोग उसका साथ देते हैं,

वो उन्हें दुगना प्रतिफल, दुगना प्रतिफल देगा।

इसलिए ईश्वर सदा कहता है जो लोग उसका साथ देते हैं,

वो उन्हें दुगना प्रतिफल, दुगना प्रतिफल देगा।

इसलिए ईश्वर सदा कहता है जो लोग उसका साथ देते हैं,

वो उन्हें दुगना प्रतिफल, दुगना प्रतिफल देगा।


2

जितनी कोशिश तुम करोगे, उतना तुम्हारा दिल ईश्वर की ओर मुड़ेगा।

जब तुम अवस्था विशेष में पहुँचो, ईश्वर तुम्हारा दिल प्राप्त कर लेगा।

कोई तुम्हारे दिल को न चुरा सकेगा; तुम ईश्वर के हो पूरी तरह।

वो दिखाएगा सदा तुम्हें अपने वचन और जो जानते नहीं वो बतायेगा।

ये नतीजे पाये जा सकते हैं यदि तुम सब साथ दो।


इसलिए ईश्वर सदा कहता है जो लोग उसका साथ देते हैं,

वो उन्हें दुगना प्रतिफल, दुगना प्रतिफल देगा।

इसलिए ईश्वर सदा कहता है जो लोग उसका साथ देते हैं,

वो उन्हें दुगना प्रतिफल, दुगना प्रतिफल देगा।


3

ये नतीजे पाये जा सकते हैं यदि तुम सब साथ दो।

इन्हें पाया जा सकता है यदि तुम सब साथ दो।

ये नतीजे पाये जा सकते हैं यदि तुम सब साथ दो।

इन्हें पाया जा सकता है यदि तुम सब साथ दो।


इसलिए ईश्वर सदा कहता है जो लोग उसका साथ देते हैं,

वो उन्हें दुगना प्रतिफल, दुगना प्रतिफल देगा।

इसलिए ईश्वर सदा कहता है जो लोग उसका साथ देते हैं,

वो उन्हें दुगना प्रतिफल, दुगना प्रतिफल देगा।

इसलिए ईश्वर सदा कहता है जो लोग उसका साथ देते हैं,

वो उन्हें दुगना प्रतिफल, दुगना प्रतिफल देगा।

इसलिए ईश्वर सदा कहता है जो लोग उसका साथ देते हैं,

वो उन्हें दुगना प्रतिफल, दुगना प्रतिफल देगा।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, एक सामान्य आध्यात्मिक जीवन लोगों को सही मार्ग पर ले जाता है से रूपांतरित

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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