953 परमेश्वर के कोप का दृश्य

1

जब परमेश्वर करेगा क्रोध, तो आयेंगी कई आपदाएं,

वैसे ही जैसे ज्वालामुखी फूटे।

ऊपर से जो देखो तो धरा पर,

घेरती हुई दिखे आपदा मानव को।


नज़ारा जो देखो ऊपर से

तो लगता है कोई भूकम्प है आने वाला,

सब ओर बह रहा है लावा।

देह वाला कोई प्राणी न बचेगा।

पर्वत डोले, ठंडी रोशनी चमके

ये दुनिया तो आग में समा रही।

परमेश्वर का न्याय आ पहुँचा है।

ये नज़ारा है उसके कोप का।

ये नज़ारा है उसके कोप का।


2

संसार के विनाश के लिए जंग या द्वंद ज़रूरी नहीं,

सभी लेटेंगे परमेश्वर की ताड़ना में।

एक-एक कर सब इससे गुज़रेंगे।

उसकी ताड़ना से कोई भी नहीं बचेगा।


नज़ारा जो देखो ऊपर से

तो लगता है कोई भूकम्प है आने वाला,

सब ओर बह रहा है लावा।

देह वाला कोई प्राणी न बचेगा।

पर्वत डोले, ठंडी रोशनी चमके

ये दुनिया तो आग में समा रही।

परमेश्वर का न्याय आ पहुँचा है।

यह नज़ारा है उसके कोप का।

यह नज़ारा है उसके कोप का।

यह नज़ारा है उसके कोप का।

यह नज़ारा है उसके कोप का।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, “संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचनों” के रहस्यों की व्याख्या, अध्याय 18 से रूपांतरित

पिछला: 952 इंसान का विद्रोह जगाता है परमेश्वर के क्रोध को

अगला: 954 जब आती है आपदा

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें